हरियाणा के विख्यात हरियाणवी रागनी गायक पालेराम दहिया का देर रात हृदय गति रुकने से निधन हो गया। वह 68 वर्ष के थे। उन्हें लोक गायन और हरियाणवी संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए जाना जाता है। उनके आकस्मिक निधन से सभी को गहरा धक्का लगा है। गांव हलालपुर में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। पालेराम दहिया के निधन पर श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचेंगे।

दहिया की रागनियों को चाहने वालों की संख्या भी बहुत अधिक

  • गांव हलालपुर निवासी रागनी गायक पालेराम दहिया ने अपनी रागनियों से हरियाणवी संस्कृति को जीवंत रखने में अहम भूमिका निभाई। उनकी रागनियों में सामाजिक ताना-बाना से लेकर लोगों के लिए एक नई सीख होती थी।
  • उन्होंने अपनी दमदार रागनियों के बलबूते लोगों की सोच को बदलने का काम बखूबी किया। पालेराम दहिया की रागनियों को चाहने वालों की संख्या भी बहुत अधिक है।

हरियाणवी रागनी फैन पेज पर फालोअर्स की संख्या भी हजारों में

  • फेसबुक पर पालेराम दहिया के हरियाणवी रागनी फैन पेज पर फालोअर्स की संख्या भी हजारों में है। उनकी गाई रागनियों बुरा मान चाहे भला मान, तू मारती कदे वो मारता, सर में भडक़ आंख में पानी सहित अनेक रागनियों ने साबित कर दिया कि वो भी किसी से कम नहीं है।
  • रागनियों के साथ ही पालेराम दहिया अपने हास्य से भरपूर चुटकुलों से लोगों को गुदगुदाते थे। उनके हास्य से भरपूर चुटकुले सुनकर लोग हंसते हुए लोटपोट हो जाते थे। ऐसे मकान रागनी गायक का यूं चले जाना अपूरणीय क्षति है।

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