अंबाला जिले में फसल अवशेष (पराली) जलाने के मामलों में नियंत्रण न पाने पर जिला प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने पंचायत, राजस्व और कृषि विभाग के 28 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इन अधिकारियों से दो दिन के भीतर जवाब मांगा गया है। इनमें नौ सुपरवाइजर, आठ पटवारी, आठ ग्राम सचिव और तीन खंड कृषि अधिकारी शामिल हैं।
फसल अवशेष जलाने पर अधिकारियों को नोटिस
जिन क्षेत्रों में दो या उससे अधिक पराली जलाने के मामले सामने आए हैं, वहां के फील्ड अधिकारियों को नोटिस दिए गए हैं। बुधवार को अंबाला जिले में एक भी नया मामला सामने नहीं आया, हालांकि प्रदेशभर में 573 मामले दर्ज किए जा चुके हैं।
जिला प्रशासन की कड़ी चेतावनी
नोटिस में कहा गया है कि फसल अवशेष जलाने के मामलों की समीक्षा के बाद पाया गया कि संबंधित अधिकारी अपने क्षेत्रों में आगजनी पर नियंत्रण नहीं कर पाए हैं, जबकि प्रशासन ने आवश्यक संसाधन उपलब्ध करवाए थे। राष्ट्रीय हरित अधिकरण और सरकार इस पर कड़ा रुख अपना रहे हैं, क्योंकि प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है। यदि आगे भी ऐसी घटनाएं हुईं तो सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
जिलेवार पराली जलाने के मामले
- अंबाला: 66
- कैथल: 97
- कुरुक्षेत्र: 86
- फतेहाबाद: 32
- सोनीपत: 40
- अन्य जिलों में भी मामूली संख्या में मामले दर्ज हुए हैं।
अधिकारियों का बयान
अधिकारियों के अनुसार, उपायुक्त की ओर से जारी नोटिस के बाद किसानों को लगातार जागरूक किया जा रहा है। जिन क्षेत्रों में आगजनी के मामले अधिक हैं, वहां विशेष ध्यान दिया जा रहा है।।