Panchkula News नायब सैनी ने हरियाणा में दस साल की सत्ता विरोधी लहर और जनता की नाराजगी को कम करने में सफलता पाई। उन्होंने लगातार जनता से मिलकर संवाद किया और मुख्यमंत्री आवास को लोगों के लिए खुला रखा, जिससे उनका जनसंपर्क मजबूत हुआ। 56 दिनों में 100 से अधिक निर्णय लेने के कारण उन्हें अब मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
हरियाणा की ऐतिहासिक जीत के नायक
नायब सिंह सैनी हरियाणा के नए मुख्यमंत्री होंगे। भाजपा ने प्रदेश के इतिहास में पहली बार लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की है, और इस ऐतिहासिक जीत के नायक नायब सैनी को मुख्यमंत्री की कुर्सी मिली है।
लोकसभा चुनाव से पहले बने सीएम उम्मीदवार
नायब सैनी को लोकसभा चुनाव से पहले ही मुख्यमंत्री पद पर आसीन कर दिया गया था। भाजपा ने उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट करके चुनावी मैदान में उतारा था, जिसमें वह सफल हुए।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से गहरा नाता
25 जनवरी 1970 को अंबाला के मिर्जापुर माजरा गांव में जन्मे नायब सैनी बीए और एलएलबी हैं। उनका जुड़ाव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से रहा है और वे ओबीसी समुदाय से आते हैं। संगठन में काम करने का उनके पास व्यापक अनुभव है।
मनोहर लाल के करीबी
सैनी को 2002 में युवा मोर्चा बीजेपी अंबाला का जिला महामंत्री बनाया गया। 2005 में वे जिला अध्यक्ष बने और 2009 में किसान मोर्चा हरियाणा के प्रदेश महामंत्री। 2012 में वे अंबाला के भाजपा जिला अध्यक्ष बने। आरएसएस में काम करते हुए सैनी को मनोहर लाल खट्टर का करीबी माना जाता है, और ऐसा कहा जाता है कि सीएम ने ही उनके लिए कुरुक्षेत्र से टिकट की सिफारिश की थी।
चुनावी हार से लेकर जीत तक का सफर
नायब सैनी ने 2009 में अंबाला के नारायणगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा, लेकिन 3,028 वोटों से हार गए। 2014 में उन्होंने इसी क्षेत्र से 24,361 वोटों से जीत हासिल की और 24 जुलाई 2015 से 3 जून 2019 तक हरियाणा सरकार में राज्यमंत्री रहे। उन्होंने श्रम एवं रोजगार मंत्री, खान एवं भू विज्ञान मंत्री, और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री के रूप में भी काम किया।