हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने करनाल में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने राहुल गांधी के उस बयान को “बच्चों जैसी बात” बताया जिसमें उन्होंने कहा था कि भाजपा सरकार संविधान को खतरे में डाल रही है।

मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि राहुल गांधी को अपने बयान से पहले इतिहास देखना चाहिए। उन्होंने याद दिलाया कि 1975 में कांग्रेस ने ही देश में आपातकाल लागू कर संविधान की निर्मम हत्या की थी। उस दौरान नागरिकों के अधिकार छीन लिए गए और लोकतंत्र को कुचल दिया गया।

संविधान पर खतरा: सत्ता में कांग्रेस, डर फैलाने का इतिहास

सैनी ने आरोप लगाया कि जब भी कांग्रेस सत्ता से बाहर होती है, वह संविधान के नाम पर डर फैलाने लगती है, लेकिन जब सत्ता में आती है तो स्वयं ही संविधान और लोकतंत्र को कमजोर करती है।

कानून-व्यवस्था और अपराध पर सरकार की नीति

प्रेस वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री ने हरियाणा में हालिया पुलिस मुठभेड़ों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ‘नो टॉलरेंस’ नीति पर चल रही है और सभी कार्रवाई कानून के दायरे में रहकर की जा रही है। निर्दोषों को परेशान नहीं किया जाएगा, लेकिन अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा।

बिजली दरों पर कांग्रेस का विरोध: सैनी का जवाब

कांग्रेस द्वारा बिजली दरों को लेकर किए जा रहे विरोध पर भी सैनी ने निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने न केवल सरचार्ज माफ किया है, बल्कि बिजली आपूर्ति को अधिक मजबूत और सुलभ बनाया है। इसके विपरीत, कांग्रेस के शासनकाल में उपभोक्ताओं को भारी भरकम बिलों का सामना करना पड़ता था।

25 जून: आपातकाल की ऐतिहासिकता और कांग्रेस की भूमिका

मुख्यमंत्री सैनी ने 25 जून 1975 को लागू किए गए आपातकाल को भारतीय लोकतंत्र का “सबसे काला अध्याय” करार दिया। उन्होंने कहा कि उस दौर में हजारों लोगों को जेल में डाला गया, प्रेस की आज़ादी छीन ली गई और न्यायपालिका को राजनीतिक दबाव में लाया गया।

सैनी ने जननायक चौधरी देवीलाल और डॉ. मंगल सेन जैसे नेताओं के संघर्ष को याद करते हुए कहा कि हरियाणा ने लोकतंत्र बचाने में अहम भूमिका निभाई थी।

निष्कर्ष

मुख्यमंत्री ने जनता से अपील की कि वे इतिहास से सबक लें ताकि भविष्य में लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा की जा सके। उन्होंने राहुल गांधी के “संविधान खतरे में है” वाले बयान को न केवल बेतुका बताया, बल्कि उसे भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को नीचा दिखाने की कोशिश भी करार दिया।

प्रेस वार्ता के समानांतर, भाजपा के अन्य नेताओं और मंत्रियों ने भी हरियाणा के विभिन्न जिलों में संविधान हत्या दिवस कार्यक्रमों में हिस्सा लिया और कांग्रेस द्वारा लगाए गए आपातकाल की आलोचना करते हुए लोकतंत्र की रक्षा का संकल्प दोहराया।