यमुनानगर में दुकानदारों में नगर निगम के नोटिस से हड़कंप है। नगर निगम ने साफ कर दिया है अब बिना अनुमति के दुकान के सामने बरामदे नहीं बनवाए जा सकते। दुकानदारों को बरामदे का निर्माण कराने के लिए पहले निगम से अनुमति लेनी होगी। नगर निगम ने तीन दुकानदारों को कब्जा हटाने के आदेश भी जारी कर दिए हैं। कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
- मुख्यमंत्री स्वामित्व योजना का लाभ उठा चुके दुकानदार दुकानों के साथ-साथ बरामदे पर भी कब्जा कर रहे हैं। निगम अधिकारियों की जांच में ऐसे मामले आए हैं। तीन दुकानदारों को निगम की ओर से नोटिस जारी कर बरामदे से कब्जा हटाए जाने के आदेश जारी किए हैं।
- अधिकारियों के मुताबिक, दुकान के आगे बने बरामदे के मालिक दुकानदार जरूर हैं, लेकिन यहां निर्माण नहीं किया जा सकताा। यदि दुकान के आगे किसी तरह का निर्माण किया जा रहा है तो वह अवैध है। निगम की ओर से अन्य दुकानदारों को भी हिदायत जारी की है। ताकि इस तरह की अनियमितताएं सामने न आएं। 1833 दुकान योजना से संबंधित नियम व शर्तें पूरी करती हैं। जबकि 193 दुकानों की रजिस्ट्री हो चुकी है
- नियमानुसार दुकान के सामने बना बरामदा पब्लिक के आवागमन के लिए होता है। यदि यहां निर्माण कर दिया जाए तो आवागमन बाधित होगा। दुकान के ढांचे में बिना निगम की स्वीकृति के कुछ भी फेरदबल नहीं किया जा सकता। इसके लिए नगर निगम से अनुमति ली जानी जरूरी है। यहां तक कि बरामदे में सामान भी रखने की अनुमति दुकानदार को नहीं है। यह पूरी तरह आमजन के प्रयोग के लिए होता है।
- सीएम मनोहर लाल ने शहरी क्षेत्र में किरायेदारों को दुकानों पर उनका मालिकाना हक देने की घोषणा वर्ष 2021 में की थी। यमुनानगर-जगाधरी, नपा रादौरा व साढौरा में कुल 1833 ऐसे किरायेदारों की पहचान हुई जो नगर निगम की दुकानों पर 20 साल या इससे ज्यादा समय से किरायेदार हैं। काफी दुकानदार ऐसे हैं जो दस्तावेज पूरे नहीं कर पाए या फिर नियमों को पूरा नहीं करते।
- मीरा बाई बाजार में ही सबसे ज्यादा 159 दुकानदार हैं। हालांकि मीरा बाजार में बूथ हैं। इसके अलावा जगाधरी वर्कशाप रोड व रेलवे स्टेशन यमुनानगर रोड पर ज्यादातर दो मंजिला दुकानें हैं। शिवाजी मार्केट, रामपुरा, इंदिरा मार्केट, जवाहर मार्केट, यमुनानगर अनाजमंडी व सब्जी मंडी कन्हैया चौक के नजदीक निगम की दुकानें हैं।
नगर निगम के डिप्टी म्युनिसपल कमिश्नर अशोक कुमार का कहना है कि मुख्यमंत्री स्वामित्व योजना के दायरे में आने वाली दुकान पर बिना अनुमति के किसी तरह का निर्माण नहीं किया जा सकता। यदि कोई ऐसा करता है तो निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी। शहर में तीन दुकानों के सामने इस तरह के निर्माण के मामले आए हैं। इनको नोटिस जारी कर दिए गए हैं। हमारा मकसद किसी भी दुकानदार को परेशान करना नहीं बल्कि व्यवस्था बनाए रखना है। यह योजना पूरी तरह दुकानदारों के हित में है।