सांसद कुमारी सैलजा ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को पत्र लिखकर कहा है कि प्रदेश के सिरसा, जींद, फतेहाबाद, पानीपत व अन्य नगरों में रेहड़ी-पटरी व ठेले पर आजीविका चलाने वाले हजारों श्रमिक आज स्ट्रीट वेंडर्स (आजीविका संरक्षण एवं नियमन) अधिनियम, 2014 के लाभों से वंचित हैं।

ये श्रमिक अपनी मेहनत और आत्मसम्मान से जीवनयापन कर रहे हैं, परंतु उन्हें न तो कानूनी सुरक्षा प्राप्त है और न ही उनकी आजीविका को स्थायित्व मिला है। ऐसे में इस अधिनियम का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए, ताकि इन श्रमिकों को उनका हक, सम्मान और सुरक्षा मिल सके।

मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में सांसद सैलजा ने स्ट्रीट वेंडर्स के हक में उठाई आवाज उठाते हुए कहा है कि स्ट्रीट वेंडर ऐसे व्यक्ति हैं जो सामान की बिक्री के लिए एक स्थायी निर्मित संरचना के बिना जनता को बड़े पैमाने पर वस्तुओं की बिक्री की पेशकश करते हैं। इनके हितों की रक्षा के लिए स्ट्रीट वेंडर्स अधिनियम, 2014 लागू किया था पर स्ट्रीट वेंडर्स आज भी इस अधिनियम के लाभ से वंचित है।

कुमारी सैलजा ने मांग की है कि इस अधिनियम का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए, ताकि इन श्रमिकों को उनका हक, सम्मान और सुरक्षा मिल सके। स्ट्रीट वेंडर्स अधिनियम का उद्देश्य विक्रेताओं को कानूनी सुरक्षा प्रदान करना, राज्य स्तरीय समिति के माध्यम से सहमति स्थापित करना, और पहचान व प्रमाण पत्र प्रदान कर उन्हें संरक्षित करना है।परंतु प्रदेश के अधिकतर नगरों में न तो समितियों का गठन किया गया है और न ही पात्र विक्रेताओं को प्रमाण पत्र वितरित किए गए हैं। इसके चलते हज़ारों श्रमिक आज भी असुरक्षित और अनिश्चित हालात में काम कर रहे हैं।

कुमारी सैलजा ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि प्रदेश के सभी नगरों में अधिनियम को प्रभावी रूप से लागू किया जाए, समितियों का शीघ्र गठन हो, पात्र विक्रेताओं की पहचान कर उन्हें प्रमाण पत्र दिए जाएं और सभी कानूनी सुविधाएं प्रदान की जाएं। साथ ही, नगर पालिकाओं को निर्देश दिए जाएं कि वे इस अधिनियम के अनुपालन को गंभीरता से लागू करें।