HARYANA VRITANT

Panchkula News हरियाणा सरकार के द्वारा पराली जलाने के खिलाफ जारी आदेश ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। विपक्षी नेता नायब सिंह सैनी और अन्य नेताओं ने सरकार पर हमला बोला है, जिसमें कुमारी सैलजा और भूपेंद्र सिंह हुड्डा प्रमुख हैं।

कुमारी सैलजा का तानाशाही का आरोप

सिरसा सांसद कुमारी सैलजा ने सरकार के नए आदेश को किसानों पर एक और हमला बताया है। उन्होंने कहा कि पराली जलाने पर FIR और ‘रेड एंट्री’ जैसे कदम छोटे किसानों की रोजी-रोटी पर गंभीर असर डाल रहे हैं। उन्होंने सरकार के द्वारा महंगी ‘हैप्पी सीडर’ मशीन खरीदने के सुझाव पर सवाल उठाते हुए कहा कि आर्थिक तंगी से जूझ रहे किसान इसे खरीदने में असमर्थ हैं। उनका कहना है कि किसानों को दंडित करने के बजाय सरकार को उनके लिए समाधान प्रस्तुत करना चाहिए।

भूपेंद्र हुड्डा का समाधान खोजने का आह्वान

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी सरकार के आदेश को गलत करार दिया है। उनका कहना है कि प्रदूषण के आंकड़े बताते हैं कि पराली जलने का पर्यावरण पर बहुत कम असर होता है और किसान मजबूरी में ऐसा कदम उठाते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को किसानों पर जुर्माना लगाने और एफआईआर करने के बजाय पराली के निस्तारण का समाधान खोजना चाहिए। इसके लिए उन्होंने पराली की खरीद के लिए एमएसपी निर्धारित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

किसानों के लिए उचित मूल्य की मांग

हुड्डा ने किसानों के प्रतिनिधिमंडल से मिलने के बाद कहा कि सरकार को अपने वादे के अनुसार किसानों की धान को 3100 रुपये प्रति क्विंटल के दर पर खरीदने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में किसान उचित एमएसपी नहीं पा रहे हैं और कम रेट पर अपनी फसल बेचने को मजबूर हैं।