हरियाणा के सरकारी स्कूलों में किचन गार्डन की तर्ज पर पोषण वाटिकाएं तैयार की जाएंगी, जिनमें बच्चों को हरी सब्जियों के साथ फलों का स्वाद भी चखने को मिलेगा। जिन स्कूलों के पास आधा एकड़ या इससे अधिक खाली जमीन है, वहां पर चीकू, अमरूद, आम, पपीता, अनार, अंगूर, ड्रेगन फ्रूट, नीम, तुलसी और हरी सब्जियों के पौधे लगाए जाएंगे। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर सभी जिलों में एक-एक स्कूल का चयन किया जा रहा है।

मौलिक शिक्षा निदेशक की ओर से सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को अपने जिले में किसी एक सरकारी स्कूल का चयन करने को कहा गया है, जहां आधा एकड़ या इससे अधिक जमीन उपलब्ध हो। पोषण वाटिका में फलदार पौधे लगाने के साथ ही बच्चों को इनकी देखरेख के लिए प्रेरित किया जाएगा।
इससे जहां प्रकृति से उनकी नजदीकियां बढ़ेंगी, वहीं फलदार पौधों के पेड़ों में परिवर्तित होने के बाद विद्यार्थियों को मिड-डे मील के साथ फल भी उपलब्ध कराए जा सकेंगे। इससे उनका बेहतर तरीके से पोषण हो सकेगा।
हटाए जाएंगे स्कूलों के ऊपर से गुजरते हाईटेंशन बिजली तार
प्रदेश में स्कूलों के ऊपर से गुजरते हाईटेंशन बिजली तारों को हटाया जाएगा। शिक्षा निदेशक ने फतेहाबाद, कैथल, करनाल और महेंद्रगढ़ के जिला शिक्षा अधिकारियों से उन स्कूलों की रिपोर्ट मांगी है, जिनके ऊपर से 33 किलोवाट से अधिक क्षमता वाले तार गुजर रहे हैं।
इन्हें हटाने के लिए जिला शिक्षा अधिकारियों को बिजली निगमों को अनुरोध पत्र भेजना होगा। साथ ही शिक्षा निदेशालय ने इस बात पर भी आपत्ति जताई है कि कई बार रिपोर्ट मांगने के बावजूद विभिन्न जिलों से सही जानकारी मुख्यालय को नहीं दी गई है।
अब वांछित जानकारी देने के लिए 30 अप्रैल तक का समय दिया गया है। इसके बावजूद जानकारी उपलब्ध नहीं कराई तो दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।