हरियाणा में इस बार जून माह में अवकाश की अवधि के दौरान बच्चे खेल-खेल में अपने अभिभावकों, दादा-दादी, नाना नानी से कहानियां सीखेंगे। हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से निपुण मिशन कार्यक्रम के तहत बच्चों के लिए कक्षावार यह योजना तैयार की गई है।
बाल वाटिका से कक्षा पांचवीं तक के बच्चों को इस बार ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान कुछ अलग तरह का गृह कार्य दिया जाएगा। यानी इस बार बच्चे दादी नानी से सेवा भाव और भजन आदि सीखेंगे। हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से निपुण मिशन कार्यक्रम के तहत बच्चों के लिए कक्षावार यह योजना तैयार की गई है। बच्चों के इस कार्य की स्कूलों के वाटसएप ग्रुपों के साथ जुड़कर ऑनलाइन निगरानी की जाएगी।
योजना के समन्वयक विपिन कुमार ने बताया कि इस बार जून माह में अवकाश की अवधि के दौरान बच्चे खेल-खेल में अपने अभिभावकों, दादा-दादी, नाना नानी से कहानियां सीखेंगे। वहीं पक्षियों के लिए तपती गर्मी में दाना पानी का प्रबंध करेंगे। ये बच्चे अपने आस पड़ोस, रिश्तेदारी, पर्यावरण, पशु-पक्षी, अपने राज्य व देश के बारे में भी मूलभूत जानकारी हासिल करेंगे।
परिवार के सदस्य निभाएंगे अहम भूमिका
बच्चों के होमवर्क के दौरान परिवार के सदस्यों की अहम भूमिका रहेगी। खासकर नाना-नानी, दादी-दादी व परिवार के अन्य सदस्यों की सहभागिता के साथ यह कार्य पूरा होगा। पाठ्यपुस्तकों के अलावा कहानी, अखबार, बाजार व समाज के साथ बच्चों का जुड़ाव बढ़ाया जाएगा। भगवान की प्रार्थना, भजन और बाल गीतों को बच्चे कंठस्थ करेंगे।
बीआरपी व एबीआरसी रखेगी निगरानी
बच्चों की रोजाना की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए बीआरपी व एबीआरसी को विभाग की ओर से दिशा-निर्देश प्राप्त हुए हैं। वह स्कूलों के वाटसएप ग्रुपों के साथ जुड़कर बच्चों की ऑनलाइन निगरानी करेंगे। इस दौरान बच्चे प्रतिदिन सुबह योगाभ्यास व सैर भी करें यह सुनिश्चित किया जाएगा। इस गृह कार्य का मुख्य उद्देश्य सामान्य ज्ञान के साथ-साथ संस्कार, मार्गदर्शन, दक्षता, कौशल, व्यवहार कुशलता को बढ़ाना है।