करनाल में शिरोमणि पंथ अकाली दल द्वारा आयोजित सिख सम्मेलन में जम्मू और कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने महत्वपूर्ण बयान दिए। उन्होंने कंगना रणौत की राजनीतिक परिपक्वता पर सवाल उठाते हुए भाजपा से उन्हें पार्टी से बाहर करने की मांग की। मलिक ने कंगना के बयानों को समाज के खिलाफ बताया और माफी मांगने को नाकाफी बताया। सम्मेलन की अध्यक्षता जगदीश सिंह झींडा ने की।
सिख अधिकारों की रक्षा की मांग
सम्मेलन में हरियाणा के गुरुद्वारों को सरकारी कब्जे से मुक्त करने की मांग की गई। इसके अतिरिक्त, सिख धार्मिक चिह्नों पर पाबंदी के खिलाफ भी आवाज उठाई गई। यदि सरकार एक नवंबर तक एचएसजीपीसी के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा नहीं करती, तो 21 नवंबर को कुरुक्षेत्र उपायुक्त कार्यालय का घेराव कर बेमियादी धरना देने की धमकी दी गई।
सिख संगत के समर्थन की घोषणा
सत्यपाल मलिक ने चेतावनी दी कि जो सरकार सिख धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करेगी, उसे बहिष्कार का सामना करना पड़ेगा। सम्मेलन में यह भी प्रस्ताव पारित किया गया कि भाजपा के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरने वाले प्रत्याशियों का सिख संगत समर्थन करेगी। कंगना रणौत की फिल्म “इमरजेंसी” पर पाबंदी की मांग भी की गई। 8 सितंबर को करनाल में श्री अकाल तख्त के प्रमुख जत्थेदार द्वारा आयोजित सिख सम्मेलन पर भी रोक लगाने की मांग की गई।