HARYANA VRITANT

हरियाणा में शुरू से ही राजनीतिक पार्टियों ने महिलाओं की संख्या के अनुसार उन्हें पर्याप्त टिकट नहीं दिए। वहीं, चुनावी मैदान में उतरी सभी महिलाओं को जनता का समर्थन भी नहीं मिला। केवल मजबूत पारिवारिक पृष्ठभूमि वाली महिलाएं ही चुनाव जीतने में सफल हुई हैं।

सांकेतिक तस्वीर

हालांकि, सभी राजनीतिक पार्टियां महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का दावा करती हैं, लेकिन वास्तविकता में राजनीति में महिलाओं की हिस्सेदारी अब भी सीमित है। हरियाणा विधानसभा में 90 सीटें हैं, लेकिन 13 चुनावों में अब तक सिर्फ 87 महिलाएं ही विधानसभा तक पहुंच सकी हैं। इनमें से सबसे ज्यादा 13 महिलाएं 2014 के चुनाव में विजयी रहीं, जबकि चार बार केवल चार-चार महिलाएं ही विधानसभा पहुंच पाईं।

1982 से अब तक आठ बार महिला उम्मीदवार विजयी होकर विधानसभा पहुंची

राजनीतिक पार्टियों ने हमेशा से महिलाओं की आबादी के हिसाब से उन्हें पर्याप्त टिकट नहीं दिए। इसके अलावा, चुनावी मैदान में उतरी सभी महिलाओं को जनता ने स्वीकार नहीं किया। केवल मजबूत पारिवारिक पृष्ठभूमि वाली महिलाएं ही चुनाव जीत पाईं। कलानौर सीट पर महिलाओं का दबदबा रहा है, जहां 1982 से अब तक आठ बार महिला उम्मीदवार विजयी होकर विधानसभा पहुंची हैं।

1967 से अब तक 650 महिलाएं हरियाणा विधानसभा चुनाव में उतरीं

कुल मिलाकर, 1967 से अब तक 650 महिलाएं हरियाणा विधानसभा चुनाव में उतरीं, जिनमें से 563 को हार का सामना करना पड़ा, और 470 की जमानत जब्त हो गई। 2014 में सबसे ज्यादा 116 महिलाएं चुनावी मैदान में उतरीं, लेकिन 33 प्रतिशत आरक्षण के बावजूद 2019 में केवल 108 महिलाओं ने चुनाव लड़ा, और इनमें से सिर्फ नौ महिलाएं जीत पाईं।

1967 के पहले चुनाव में आठ महिलाएं चुनावी मैदान में उतरीं

1967 के पहले चुनाव में आठ महिलाएं चुनावी मैदान में उतरीं, जिनमें से चार को जीत मिली और चार को हार का सामना करना पड़ा, जिनमें से दो की जमानत भी जब्त हो गई। अब 2024 के चुनाव में पार्टियों ने टिकट वितरण शुरू नहीं किया है, लेकिन प्रदेश की कई सीटों पर महिलाएं विभिन्न पार्टियों से टिकट की मांग कर रही हैं और चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं।

अब तक ये महिलाएं पहुंचीं विधानसभा

  • 1967 : नग्गल से लखवती, इंद्री से प्रशन्नी देवी, कैथल से ओम प्रभा, रेवाड़ी से सुमित्रा देवी।
  • 1968 : अंबाला से लखवती जैन, इंद्री से प्रशन्नी देवी, कैथल से ओम प्रभा, सलहावस से शकुंतला, बल्लभगढ़ से श्रद्धा रानी, रेवाड़ी से सुमित्रा देवी, लोहारू से चंद्रावती।
  • 1972 : इंद्री से प्रशन्नी देवी, बल्लभगढ़ से श्ररुआ रानी, भद्रा से लज्जा रानी, लोहारू से चंद्रावती।
  • 1977 : यमुनानगर से कमला देवी, अंबाला कैंट से सुषमा स्वराज, कैलाना से शांतिदेवी, बावल से शकुंतला।
  • 1982 : करनाल से शांति देवी, नौलथा से प्रशन्नी देवी, हसनगढ़ से बनन्ती देवी, कलानौर से करतार देवी, बल्लभगढ़ से श्रद्धा रानी, बधारा से चंद्रावती, बावल से शकुंतला।
  • 1987 : यमुनानगर से कमला वर्मा, अंबाला कैंट से सुषमा स्वराज, झज्जर से मेधावी, आदमपुर से जस्मादेवी, धरबाकलां से विद्या बैनीवाल।
  • 1991 : इंद्री से जानकी देवी, कलानौर से करतार देवी, कैलाना से शांतिदेवी, लोहारू से चंद्रावती, डबवाली से संतोष चौहान, बावल से शकुंतला।
  • 1996 : यमुनानगर से कमला वर्मा, कलानौर से करतार देवी, रोहत से कृष्णा गहलावत, धरबाकलां से विद्या देवी।
  • 2000 : अंबाला शहर से वीना, कलानौर से सरिता, सलाहवस से अनिता, धरबाकलां से विद्या देवी।
  • 2005 : यमुनानगर से कृष्णा पंडित, करनाल से सुमिता सिंह, जुंडला से मीना रानी, घरौंडा से रेखा राणा, असंध से राज रानी, नौलथा से प्रशन्नी देवी, कलानौर से करतार देवी, सलाहवस से अनिता, कलायत से गीता, बल्लभगढ़ से शारदा राठौर, बावल से शकुंतला।
  • 2009 : करनाल से सुमिता सिंह, सोनीपत से कविता जैन, नारनौंद से सरोज, हिसार से सावित्री जिंदल, तोशाम से किरण चौधरी, कलानौर से शकुंतला, झज्जर से गीता, अटेली से अनिता यादव, बल्लभगढ़ से शारदा राठौर।
  • 2014 : कालका से लतिका शर्मा, मुलाना से संतोष चौहान, पानीपत सिटी से रोहिता रेवड़ी, सोनीपत से कविता जैन, उचाना कलां से प्रेमलता, डबवाली से नैना चौटाला, हांसी से रेणूका बिश्नोई, तोशाम से किरण चौधरी, कलानौर से शकुंतला, झज्जर से गीता भुक्कल, अटेली से संतोष यादव, पटौदी से बिमला चौधरी, बड़खल से सीमा त्रिखा।
  • 2019 : नारायणगढ़ से शैली, सढौरा से रेणू बाला, कलायत से कमलेश ढांडा, गन्नौर से निर्मल रानी, बाढ़ा से नैना सिंह, तौशाम से किरण चौधरी, कलानौर से शकुंतला, झज्जर से गीता भुक्कल, बड़खल से सीमा त्रिखा।