HARYANA VRITANT

करनाल। महाप्रभावी श्री घंटाकर्ण देवस्थान पर विशेष कृपा दिवस कृष्ण चौदस के अवसर पर मासिक श्रद्धालु समागम कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें श्री घंटाकर्ण बीजमंत्र के सामूहिक जाप से दैवी शक्ति का आह्वान करते हुए लोकमंगल की कामना की गई। इसमें महासाध्वी प्रमिला महाराज ने कहा कि भक्त तथा भगवान भक्ति के सूत्र से जब एक दूसरे से जुड़े होते हैं तो पराशक्ति की कृपा से असंभव भी संभव हो जाता है। भारतीय संस्कृति में भक्ति आत्मा को परमात्मा तक पहुंचाने का माध्यम है। भक्तिपूर्ण समर्पण से असंभव को भी संभव किया जा सकता है और पराशक्तियों की दैवी कृपा से अलौकिक सफलता पाई जा सकती है।

कार्यक्रम में साध्वी

कार्यक्रम में साध्वी जागृति, नितिन, राशि जैन, और निशा जैन ने न देर है न अंधेर है यह तो कर्मों का फेर है, रीटा जैन ने इस देव को शत-शत वंदन है चरणों में अर्चन है भजन गाया। पुष्पा गोयल ने इस देव को शत-शत वंदन है चरणों में अर्चन है भजन गाकर प्रभु का सुमिरण किया। कर्मवीर चौहान ने मैं दास चरण नित ध्याऊं मुक्ति को दिलाओ प्रभुवर भवसागर मैं तर जाऊं भजन गाया। रानी जैन ने ओ घंटाकर्ण महावीर मेरी नैया, ऐसी कृपा करो दादा आदि भजनों से माहौल को भक्तिमय कर दिया।

महासाध्वी प्रमिला महाराज ने कहा कि…

महासाध्वी प्रमिला महाराज ने कहा कि श्री घंटाकर्ण जी महाप्रभावी, भक्तवत्सल देवता हैं जिनकी कृपा व्यक्ति को निहाल तथा मालामाल कर देती है। श्री घंटाकर्ण सभी भारतीय परंपराओं के सर्वमान्य परोपकारी, जनहितैषी ऐसे देवता हैं जिनके अनुकूल होने पर सारी तकलीफें काफूर हो जाती हैं और जीवन- पथ गुलाब की पंखुड़ियों की तरह सुकोमल तथा सुगमता से चलने योग्य बन जाता है। अंधेर पक्ष की चतुर्दशी श्री घंटाकर्ण देव को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद पाकर अपने जीवन को सुख संपन्न बनाने का विशेष अवसर है।

जिला न्यायवादी डा. पंकज सैनी भी देव दरबार में शामिल रहे।

गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि सभी कर्तव्य-कर्मों का परित्याग कर सर्वज्ञ, सर्वदर्शी, सर्वशक्तिमान, परमात्मा अलौकिक शक्ति की शरण लेने वाला सभी पापों से छूटकर शोक रहित हो जाता है। जहां भगवान और सर्वात्मना समर्पित भक्त का जोड़ है, वहीं पर लक्ष्मी-विजय-विभूति और स्थायी नीति का वास होता है। संध्याकालीन आरती की सेवा पुलिस अधीक्षक दीपक सहारण ने की। जिला न्यायवादी डा. पंकज सैनी भी देव दरबार में शामिल रहे।