करनाल। डॉन्की के जरिये जर्मनी जा रहे कैथल के बंदराणा गांव निवासी विशाल की बेलारूस में मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने आरोपी एजेंट के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। इसकी सूचना बेलारूस दूतावास से करनाल प्रशासन को दी गई थी।
परिवार ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि उनके बेटे का शव भारत लाया जाए ताकि वह अंतिम संस्कार कर सकें। दूसरी ओर परिजनों ने एजेंट के खिलाफ करनाल के निसिंग थाना पुलिस को शिकायत दी थी। पुलिस ने औगंध सियाराम, सतपाल व अंकित तीन आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। विशाल की मौत का स्पष्ट कारण अभी पता नहीं चल पाया है।
मृतक के पिता वेद प्रकाश ने बताया कि उसका बेटा विशाल जर्मनी जाना चाहता था तो आरोपी गांव औगंध निवासी सियाराम व सतपाल से संपर्क हुआ। उन्होंने बताया कि उसका लड़का अंकित विदेश में ही रहता है। वह उनकी बातों में आ गए और उन्होंने जर्मनी भेजने के साढ़े सात लाख रुपये ले लिए। उसने बेटे के लिए अपना घर गिरवी रखा और किसी तरह से साढ़े सात लाख रुपये का इंतजाम कर आरोपियों को दे दिए।
छह अगस्त को हुई थी अंतिम बार बात
विशाल के पिता ने बताया कि पांच दिसंबर 2023 को उसका बेटा आर्मीनिया के लिए फ्लाइट में बैठा था। इसके बाद वह 16 फरवरी को मास्को पहुंचा था। इसके बाद उसे डॉन्की के जरिये आरोपियों ने जर्मनी की सीमा पार करानी थी। इस दौरान उनकी बेटे से बात होती रही। छह अगस्त को उनकी अंतिम बार बेटे से बात हुई थी। बेटे ने बताया था कि उसके पांव को तोड़ा गया है।
बेटा कह रहा था कि उसे भारत वापस आना है। वह रास्ते में फंसा हुआ है। इसके बाद उनकी बात नहीं हुई तो उन्होंने आरोपी एजेंट को कहा कि उनकी बेटे से बात नहीं हो रही तो आरोपी उन्हें गुमराह करते रहे कि बात हो जाएगी लेकिन 22 अगस्त को उन्हें पुलिस द्वारा सूचना मिली कि उनके बेटे की बेलारूस में सात अगस्त को मौत हो गई। यह जानकारी पुलिस के पास बेलारूस दूतावास से मिली थी।