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जिला न्यायवादी डॉ. पंकज सैनी ने बताया कि आईपीसी और नए कानून भारतीय न्याय संहिता 2023 की तुलना करें तो नए कानून में सरकार की ओर से 33 धाराओं में कारावास की सजा को बढ़ाया गया है, यानी जिन अपराधों में कारावास की सजा तीन साल थी, उसे बढ़ाकर पांच साल तक कर दिया गया है।

सांकेतिक तस्वीर

एक जुलाई से भारतीय न्याय संहिता-2023 को लागू …

एक जुलाई से भारतीय न्याय संहिता-2023 को लागू होने में कुछ ही दिन शेष हैं। यह अंग्रेजों के जमाने से चल रही भारतीय दंड संहिता 1860 (आईपीसी) से काफी इतर है। भारतीय न्याय संहिता-2023 में 358 धाराएं हैं, जबकि आईपीसी में 511 धाराएं थीं। इसी तरह, सीआरपीसी की जगह लेने वाली भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में पिछली 484 की तुलना में 531 धाराएं हैं। इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह लेने वाले भारतीय साक्ष्य अधिनियम में 170 धाराएं हैं जो पहले इंडियन एविडेंस एक्ट में 166 से अधिक हैं। माना जा रहा है कि नए कानून लागू होने से तारीख पर तारीख की स्थिति में बदलाव आएगा और लोगों को समय पर न्याय मिल सकेगा।

आईपीसी और नए कानून भारतीय न्याय संहिता

जिला न्यायवादी डॉ. पंकज सैनी ने बताया कि आईपीसी और नए कानून भारतीय न्याय संहिता 2023 की तुलना करें तो नए कानून में सरकार की ओर से 33 धाराओं में कारावास की सजा को बढ़ाया गया है, यानी जिन अपराधों में कारावास की सजा तीन साल थी, उसे बढ़ाकर पांच साल तक कर दिया गया है। इसी तरह 83 ऐसी धाराएं हैं जिनमें जुर्माना राशि को बढ़ाया गया है। ऐसे ही 23 धाराओं में कम से कम सजा को सुनिश्चित कर दिया गया है। नए कानून में विदेश में बैठकर किसी संगठन व व्यक्ति द्वारा भारत में अपराध कराने पर उसके खिलाफ नए कानून की धारा 48 के तहत उसी अपराध की सजा दी जाएगी, जो उसने कराया है। इसी तरह अनेकों बदलाव नए कानून में किए गए हैं।

छोटे अपराधों के लिए बनाया कम्यूनिटी सर्विस

उप जिला न्यायवादी अमन कौशिक ने बताया कि नए कानून में छोटे अपराध करने वालों के लिए कम्यूनिटी सर्विस कानून बनाया गया है। इसमें दोषी को पौधे लगाने, पानी पिलाने, बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने जैसी सजा मिलेगी। यह उन अपराधों के लिए है जिसमें तीन महीने से कम की सजा है और जुर्माने का प्रावधान है। नए कानून में भीड़ में किसी व्यक्ति की जान जाने पर धारा 103 (2) के तहत फांसी की सजा का प्रावधान है। वहीं हिट एंड रन के मामले में भी अब दस साल की सजा है। हिट एंड रन से बचने के लिए जिस व्यक्ति से दुर्घटना होती है, उसे घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाना होगा और पुलिस को भी सूचना देनी होगी।
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ये बदली हुई कुछ मुख्य धाराएं

  • हत्या- 302, 103
  • हत्या का प्रयास- 307, 109
  • गैर इरादतन हत्या- 304(ए), 106
  • दहेज हत्या- 304(बी), 80
  • डकैती- 395, 310(3)
  • लूट- 392, 309(4)
  • दुष्कर्म- 376, 64
  • चोरी- 380, 305

अधिकारी के अनुसार

उच्च अधिकारियों के निर्देश पर नए कानून के प्रति पुलिस व आमजनों को जागरूक किया जा रहा है। सेमिनार किए जा रहे हैं। सरकारी दफ्तरों में कार्यरत सरकारी वकीलों को भी नए कानून के बारे में बताया जा रहा है। क्योंकि एक जुलाई से पूरे देश में नया कानून लागू किया जाएगा। यह कानून पहले से मजबूत है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस कानून में पीड़ित को समय रहते न्याय मिलेगा।