HARYANA VRITANT

सीएम सिटी में सियासी हलचल तेज हो गई है। इस सीट पर नायब सैनी के साथ पूर्व सीएम मनोहर की भी साख का सवाल है। इस सीट ने मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक दिए पर उद्योग-रोजगार की मांग अनसुनी रही। 

सीएम सिटी में सियासी हलचल तेज हो गई है।

14वें विधानसभा चुनाव में हरियाणा की सबसे हॉट सीट करनाल में न केवल मुख्यमंत्री नायब सैनी बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल की भी परीक्षा है। 1966 में हरियाणा के गठन से लेकर अब तक करनाल भले ही राजनीतिक फलक पर हमेशा ऊपर रहा हो लेकिन औद्योगिक दृष्टि से उतना निखर नहीं पाया, जितनी उम्मीद थी। 

शशिपाल मेहता के रूप में उद्योग मंत्री से लेकर दो-दो मुख्यमंत्री देने वाले इस शहर में दस साल बाद भी वहीं मुद्दे व मांगें बरकरार हैं। इन चुनावों में भी एक बार इनकी गूंज सुनाई पड़ रही है।

करनाल के शिक्षाविद् डॉ. रामजीलाल, डॉ. प्रवीण भारद्वाज व कीर्ति गुप्ता का कहना है कि उद्योग, रोजगार और स्थानीय जनप्रतिनिधि इस चुनाव में बड़ा मुद्दा हो सकता है, क्योंकि करनाल के स्थानीय निवासी को बहुत कम विधायक बनने का मौका मिला है। सांसद तो हमेशा बाहरी प्रत्याशी ही बने हैं। 

पिछले दस साल में मनोहर लाल और अब सीएम नायब सैनी यहां से विधायक हैं। इन दोनों के कार्यकाल में स्मार्ट सिटी का काम चल रहा है। शहर को दूसरे जिलों से जोड़ने वाले राजमार्ग चौड़े हुए हैं। बागवानी व मेडिकल कॉलेज और विश्वविद्यालय मिला, डिग्री कॉलेजों की संख्या दोगुनी हो गई। 

राष्ट्रीय स्तर के खेल स्टेडियम मिले पर 2000 के चुनाव से पहले की नेवल हवाई पट्टी का विस्तार आज भी अटका है। इसके अलावा 15 साल से करनाल-यमुनानगर रेल लाइन और अब पांच साल से रैपिड रेल करनाल तक आने की उम्मीद कागजों से बाहर नहीं आई।

उपचुनाव सहित तीन बार जीत की हैट्रिक लगा चुकी भाजपा को अपना मजबूत किला बचाए रखना व कांग्रेस के लिए वापसी करना बड़ी चुनौती है। अचानक हुए चुनाव के आगाज से सीएम सिटी में सियासी हलचल तेज है। टिकट के दावेदारों में लॉबिंग शुरू हो गई है। कांग्रेस नेताओं ने आकाओं को मनाना शुरू कर दिया है। 

वहीं, भाजपा में सीएम नायब सैनी के नाम पर संशय और चर्चाएं हैं। दोनों दलों के नेताओं की दिल्ली की दौड़ जारी है। इसके अलावा तैयारियों में जुटी आप, इनेलो और जजपा की निगाहें भाजपा की सूची पर हैं। कांग्रेस में इस बार सुमिता सिंह, तरलोचन के अलावा भाजपा से आए मनोज वधवा सहित 23 नेता टिकट की मांग कर रहे हैं। भाजपा में सर्वे जारी है।

करनाल की बड़ी मांगें

नेवल हवाई पट्टी का विस्तार करके हवाई अड्डा बनाने का मुद्दा पिछले पांच चुनावों से अटका है। शहर को जाम मुक्त करने के लिए न फ्लाईओवर बना और न ही कोई अन्य व्यवस्था हो पाई। शहर में करीब दस बड़े अनुसंधान संस्थान हैं। 

इनमें स्थानीय लोगों को नौकरी व पढ़ाई के लिए कोई कोटा निर्धारित नहीं है, हर बार इसकी मांग उठती है। करनाल से यमुनानगर रेलवे लाइन बिछाने, रैपिड रेल करनाल तक लाने व कृषि यंत्रों से अलग बड़ा उद्योग स्थापित करना आज भी क्षेत्र की बड़ी मांग है।

पंजाबी समाज का दबदबा

इस विधानसभा सीट पर आधी आबादी सामान्य वर्ग की हैं। इनमें सबसे अधिक 21 प्रतिशत पंजाबी समाज है। पांच बार इसी समाज का ही विधायक बना है। महज तीन प्रतिशत आबादी वाले सैनी समाज से पहली बार नायब सैनी उपचुनाव जीते।

सबसे ज्यादा बार भाजपा जीतीं

1967 से लेकर अब तक भाजपा यहां पांच बार कमल खिला चुकी है, जबकि कांग्रेस को चार बार, आजाद को दो बार, जनसंघ दो और जनता पार्टी एक बार जीत मिली है।

चुनाव विधायक पार्टी
1967 रामलाल जनसंघ
1968 शांति प्रसाद आजाद
1972 रामलाल जनसंघ
1977 रामलाल जनता पार्टी
1982 शांतिदेवी कांग्रेस
1987 लक्ष्मणदास भाजपा
1991 जयप्रकाश कांग्रेस
1996 शशिपाल मेहता भाजपा
2000 जयप्रकाश आजाद
2005 सुमिता सिंह कांग्रेस
2009 सुमिता सिंह कांग्रेस
2014 मनोहर लाल भाजपा
2019 मनोहर लाल भाजपा
2024 उपचुनाव नायब सैनी भाजपा

श्रेणी प्रतिशत

जनरल 50 फीसदी
एससी 24
बीसी-ए 22
बीसी-बी 05
कुल- 100मिली है।