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कैथल (Kaithal News) जिले में जहां जिला स्तर पर नागरिक अस्पताल में चिकित्सकों के अभाव में मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ती हैं। वहीं, सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी चिकित्सक नहीं हैं। लोगों का कहना है कि बीमार होने पर बड़ी दिक्कत हो जाती है।

सांकेतिक तस्वीर

सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में मानक के अनुसार चिकित्सकों की कमी को देखते हुए साफ है कि ग्रामीण स्तर पर भी मरीजों को बेहतर ढंग से इलाज की सुविधा नहीं मिल पा रही है। कई स्वास्थ्य केंद्रों में महज एक या दो चिकित्सकों से ही काम चलाया जा रहा है।

गौरतलब है कि जिले में छह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और 22 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। इसमें से पाडला, अगौंध, कांगथली, अरनौली, पाई, हाबड़ी, मूंदड़ी, जाखौली, टीक और ढांड में महज एकमात्र चिकित्सक है। जबकि करोड़ा, किठाना, रसीना, फरल, बालू, बात्ता, सजूमा और बढ़सीकरी में एक भी चिकित्सक नहीं है।

जिले में कई सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों की कमी जरूर है। इस कमी को दूर करने के लिए आला अधिकारियों के साथ पत्राचार किया गया है। उम्मीद है कि आचार संहिता हटने के बाद सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नए चिकित्सक आ सकते हैं।