कैथल की कुछ पंचायतों सहित जिला पार्षद और कुछ राजनेताओं ने वर्ष 2021 में आई करोड़ों रुपये की राशि में गबन करने का आरोप लगाया था। अब मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने जेई व एसडीओ सहित चार लोगों को एसीबी ने हिरासत में लिया है।
कैथल जिला परिषद आई ग्रांट के तहत सफाई के नाम पर 11 करोड़ रुपये का घोटाले के आरोप मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने जिप के अधिकारियों व ठेकेदारों को तलब किया है। इस मामले में एसीबी की करीब आठ से 10 टीमों को जांच में लगाया गया है। अब तक इस मामले में जेई व एसडीओ सहित चार लोगों को एसीबी ने हिरासत में लिया है। इससे अभी एसीबी की टीम अभी पूछताछ कर रही है। यदि इन अधिकारियों सहित ठेकेदारों की किसी भी प्रकार से संलिप्ता पाई गई तो उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। हालांकि एसीबी की ओर से पूरे मामले का खुलासा शाम पांच बजे के बाद किया जाएगा।
यह है पूरा मामला…
इस मामले में कुछ पंचायतों सहित जिला पार्षद और कुछ राजनेताओं ने वर्ष 2021 में आई करोड़ों रुपये की राशि में गबन करने का आरोप लगाया था। उस समय ग्रामीण क्षेत्र के विकास कार्यों को लेकर जिला परिषद में आई 31 करोड़ 64 लाख रुपये की राशि में 11 करोड़ की राशि गांव में स्वच्छता अभियान पर खर्च होनी थी। यह राशि कागजों में तो खर्च हुई दिखाई गई, लेकिन गांव में सफाई नहीं हुई और फर्जी बिल तैयार कर आठ फर्मों को राशि जारी कर दी। इनमें से भी दो फर्मों को राशि अधिक दी गई।
विधायक लीला राम व रामपाल माजरा ने भी उठाया था मुद्दा…
इस मामले में भाजपा सरकार के विधायक लीला राम और पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रामपाल माजरा भी सफाई घोटाले का यह मुद्दा जोर-शोर से उठाया था। आरोप लगाया था कि वैसे तो विजिलेंस जांच चल रही है, लेकिन अभी तक जांच कहां तक पहुंची इस बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है।