HARYANA VRITANT

Fatehabad News राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश माननीय न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई को नालसा के नए कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में नामित किया है। यह नामांकन भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू द्वारा विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 की धारा 3 की उपधारा (2) के खंड (बी) द्वारा प्रदत्त शक्तियों के तहत किया गया है।

जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं सेशन जज दीपक अग्रवाल ने बताया कि इस आशय की एक अधिसूचना भारत सरकार के विधि और न्याय मंत्रालय द्वारा गत 8 नवंबर को आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित की गई थी। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश नालसा के पिछले कार्यकारी अध्यक्ष थे।

उन्होंने बताया कि नालसा के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में अपने नामांकन से पहले, माननीय न्यायमूर्ति बीआर गवई सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विसेज कमेटी (एससीएलएससी) के अध्यक्ष थे।

इस मौके पर जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण की सचिव एवं सीजेएम गायत्री ने बताया कि कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में माननीय न्यायमूर्ति बीआर गवई नालसा के मिशन का नेतृत्व करेंगे, जिसके तहत पूरे भारत में सभी नागरिकों, खास तौर पर समाज के वंचित और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लोगों को सुलभ और मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान की जाएगी। उनके नेतृत्व से नालसा की अनुच्छेद 39-ए के संवैधानिक जनादेश को कायम रखने की प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाने की उम्मीद है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि वित्तीय या सामाजिक बाधाओं के कारण किसी भी नागरिक को न्याय से वंचित न किया जाए।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत बने सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विसेज कमेटी के अध्यक्ष

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश माननीय न्यायमूर्ति सूर्यकांत को तत्काल प्रभाव से सर्वोच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति (एससीएलएससी) के अध्यक्ष के रूप में मनोनीत करने की घोषणा की है। यह मनोनयन भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव खन्ना द्वारा किया गया है। इस आशय की अधिसूचना गत 12 नवंबर को आधिकारिक राजपत्र में नालसा द्वारा प्रकाशित की गई थी।

इससे पहले यह पद माननीय न्यायमूर्ति बीआर गवई के पास था, जिन्हें हाल ही में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया है। उन्होंने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति सभी के लिए न्याय तक पहुंच सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, विशेष रूप से समाज के हाशिए पर पड़े और वंचित वर्गों के लिए, जिन्हें देश के सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंचने में वित्तीय या सामाजिक बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है।