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भारतीय रेलवे अब आधुनिक एलएचबी (लिंक हॉफमैन बुश) रैक को ट्रेनों में प्राथमिकता दे रहा है। यह जर्मन तकनीक पर आधारित है और तेज गति वाली ट्रेनों में प्रयोग होती है। एलएचबी रैक पुराने आईसीएफ रैक की तुलना में अधिक आरामदायक हैं और यात्रियों को बेहतर यात्रा अनुभव प्रदान करते हैं।

भारतीय रेलवे अब आधुनिक एलएचबी (लिंक हॉफमैन बुश) रैक को ट्रेनों में प्राथमिकता दे रहा है।

जींद-बठिंडा रूट पर एलएचबी रैक की सुविधा

नए साल से जींद से गुजरने वाली दो महत्वपूर्ण ट्रेनों में एलएचबी रैक लगाए जाएंगे। 12481-82 श्रीगंगानगर इंटरसिटी और 20409-10 दिल्ली-बठिंडा सुपरफास्ट ट्रेन में एलएचबी रैक की सुविधा दी जाएगी। इन रैक के साथ, यात्रियों को आरामदायक और सुरक्षित यात्रा का अनुभव मिलेगा। इसके साथ ही, ट्रेन की गति में भी सुधार होगा।

एलएचबी रैक की विशेषताएं

एलएचबी रैक की प्रमुख विशेषता यह है कि दुर्घटना की स्थिति में ये डिब्बे एक-दूसरे के ऊपर नहीं चढ़ते। इसमें डबल सस्पेंशन और डिस्क ब्रेक सिस्टम दिया गया है, जो यात्रा को सहज और सुरक्षित बनाते हैं। इसके अलावा, एलएचबी रैक से उत्पन्न होने वाली ध्वनि भी कम होती है, जिससे यात्रा के दौरान शोर कम रहता है।

आईसीएफ रैक बनाम एलएचबी रैक

आईसीएफ रैक में एयर ब्रेक सिस्टम का प्रयोग होता है, जिससे ट्रेन अधिक दूरी पर जाकर रुकती है, जबकि एलएचबी में डिस्क ब्रेक का उपयोग होता है, जिससे ट्रेन जल्दी रुकती है। एलएचबी रैक की मरम्मत का समय भी आईसीएफ रैक की तुलना में दोगुना होता है, जो इसे और अधिक कुशल बनाता है।