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आरोपियों की सूची से बाहर, कोर्ट में चालान पेश

हरियाणा के गुरुग्राम में एक हाई प्रोफाइल सोसाइटी के फ्लैट से करीब 30 करोड़ रुपए कैश चोरी की वारदात में शामिल आरोपियों की सूची से IPS धीरज सेतिया का नाम हटा दिया गया। कुछ दिन पहले उनका पॉलीग्राफ टेस्ट हुआ था। जिसके बाद STF ने शुक्रवार को इस मामले में चालान पेश किया, जिसमें धीरज सेतिया का नाम नहीं है।

आरोप साबित नहीं हुआ
दरअसल, करोड़ों रुपए की चोरी की वारदात में धीरज सेतिया का नाम सामने आने के बाद एसटीएफ द्वारा उनका पॉलीग्राफ टेस्ट कराया गया था। पॉलीग्राफ टेस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, आईपीएस धीरज सेतिया पर मामले को दबाने के लिए कुछ पैसे लेने का आरोप साबित नहीं हुआ।

शुक्रवार को गुरुग्राम की अदालत में एसटीएफ ने इस हाईप्रोफाइल मामले में चालान पेश किया, जिसमें कुख्यात गैंगस्टर विकास लगरपुरिया सहित अन्य आरोपियों के तो नाम हैं, लेकिन धीरज सेतिया का नाम नहीं है। बता दें कि करोड़ों की चोरी में नाम आने के बाद प्रदेश सरकार ने धीरज सेतिया को सस्पेंड कर दिया था। इस मामले में अब अगली सुनवाई 18 मार्च को होगी।

30 करोड़ रुपए की चोरी हुई थी
मिली जानकारी के अनुसार, गुरुग्राम के सेक्टर-84 स्थित एक सोसाइटी में अल्फाजी कार्प मैनेजमेंट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के ऑफिस बनाया हुआ था। जिसमें अगस्त 2021 में 30 करोड़ रुपए चोरी हो गए थे। कंपनी ने चोरी की रकम सिर्फ 50 लाख रुपए बताई थी। बाद में पुलिस ने लूट की योजना बनाते हुए कुछ आरोपियों को पकड़ा तो पूरे मामले का खुलासा हुआ।

पुलिस को पता लगा कि ये रकम 50 लाख नहीं, बल्कि 30 करोड़ रुपए है। इसके बाद मामला एसटीएफ को सौंपा गया। एसटीएफ ने जांच की तो चोरी के इस हाइप्रोफाइल मामले में कई बड़े नाम सामने आए। इसमें गैंगस्टर विकास लगरपुरिया के अलावा एक डॉक्टर व आईपीएस धीरज सेतियां पर भी आरोप लगे। जिसके बाद सरकार ने आईपीएस को सस्पेंड कर दिया था।

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