मिट्टी के बर्तनों का कारोबार गर्मी की दस्तक से पहले शुरू हो जाता है। इस बार तो मिट्टी के मटके और घड़े के दाम में करीब 50 रुपये तक की तेजी आई और जो घड़ा पहले 300 रुपये में मिलता था, वही इस बार 350 रुपये तक में बिक रहा है। मिट्टी से बने बर्तनों के कारोबार में उछाल देख कुम्हारों के चेहरे एकबार फिर खिल उठे हैं।

पिछले एक महीने में कुम्हारों ने तैयार मिट्टी के बर्तनों की बिक्री शुरू कर दी है। मई के शुरुआत से लेकर अब तक मिट्टी के मटकों की खासी डिमांड रही। जगह-जगह बाजार में मिट्टी के बर्तनों को सजाकर बेचा जा रहा है। लोग मिट्टी के बर्तन खरीद रहे हैं।

गर्मी बढ़ते ही मिट्टी के बर्तनों की डिमांड बढ़ने लगी है। फ्रिज का ज्यादा ठंडे पानी पीने से परहेज कर रहे हैं। सेहत के हिसाब से भी मिट्टी के बर्तन काफी लाभदायक बताते हुए इससे किसी तरह के दुष्प्रभाव से इंकार करते हुए चलन बना है।

  • मटकों का रेट उनके डिजाइन के हिसाब से भी रखा जाता है। डिजाइन के 8 लीटर वाले कैंपर 150 रुपये से शुरू हैं। सुराही 30 से 80 रुपये, कुल्हड़ 100 रुपये के आठ दर्जन हैं।
  • इसके अलावा रंगीन और आकर्षक डिजाइन वाले मिट्टी के बर्तनों के दाम अलग-अलग हैं। इस सीजन में मटका 70 से 100 रुपये तक का बेच रहे हैं। वहीं मिट़्टी के आकर्षक कैंपर भी तैयार किए जा रहे हैं।

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