हरियाणा के बहादुरगढ़
इलाके में सेप्टिक टैंक के अंदर पाइप फिट करने के दौरान चार सफाई कर्मचारियों की मौत के मामले पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने स्वत: संज्ञान लिया है। आयोग ने इस संबंध में हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया है। साथ ही हरियाणा के मुख्य सचिव और डीजीपी से छह सप्ताह में रिपोर्ट तलब की है।
पांच अप्रैल को बहादुरगढ़ में हुए हादसे का आयोग ने मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर संज्ञान लिया। आयोग का मानना है कि श्रमिकों को सुरक्षा उपकरण प्रदान नहीं किए गए थे। आयोग ने नोटिस में लिखा है कि मीडिया रिपोर्टों संबंधित अधिकारियों की लापरवाही का संकेत देती है। इसके परिणामस्वरूप पीड़ितों के जीवन के अधिकार का उल्लंघन होता है।
आयोग ने कहा है कि सिर्फ इसलिए कि घटना निजी संपत्ति पर हुई है, यह संबंधित अधिकारियों को अपने अधिकार क्षेत्र में होने वाली ऐसी खतरनाक गतिविधियों की निगरानी के अपने उत्तरदायित्व से छुटकारा पाने की अनुमति नहीं दे सकता है।
राज्य सरकार की रिपोर्ट में दोषी अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई और पीड़ित परिवारों को प्रदान की गई राहत और पुनर्वास की स्थिति के बारे में सूचित किया जाना चाहिए। साथ ही इस संबंध में जागरूकता फैलाने के लिए उठाए गए प्रस्तावित कदमों की भी जानकारी होनी चाहिए। सीवेज कर्मचारियों को अभी भी अत्यधिक खतरे का सामना करना पड़ रहा है।