Harayana Vritan

प्रदेश के सभी गुरुद्वारों व अन्य संबंधित संस्थानों की आमदनी और खर्च का विवरण हर महीने हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी की वेबसाइट पर प्रदर्शित किया जाएगा। इतना ही नहीं, कमेटी के मुख्यालय ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिब पातशाही छठी कुरुक्षेत्र के नोटिस बोर्ड पर भी हर महीने यह विवरण दर्ज होगा।

प्रदेश के सभी ऐतिहासिक गुरुद्वारों की हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी ने कमान संभाल ली है और अपने स्तर पर काम भी शुरू कर दिए गए है। अब अगला कदम शाहाबाद स्थित मीरी-पीरी मेडिकल कॉलेज का प्रबंधन संभालने का होगा। फिलहाल एसजीपीसी एवं ट्रस्ट के अधीन यह कॉलेज चल रहा है, लेकिन एचएसजीपीसी ने इसके लिए भी योजना तैयार कर ली है। यह कहना है हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के पूर्व युवा प्रदेशाध्यक्ष कवलजीत सिंह अजराना का।

हर महीने विवरण दर्ज होगा
गुरुवार को कमेटी के गुरुद्वारा छठी पातशाही स्थित मुख्यालय पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी गुरुद्वारों व अन्य संबंधित संस्थानों की आमदनी और खर्च का विवरण हर महीने हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी की वेबसाइट पर प्रदर्शित किया जाएगा। इतना ही नहीं, कमेटी के मुख्यालय ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिब पातशाही छठी कुरुक्षेत्र के नोटिस बोर्ड पर भी हर महीने यह विवरण दर्ज होगा, ताकि प्रदेश की संगत को ही नहीं, अपितु दुनिया भर में बसने वाले हर गुरु नानक नाम लेवा को सही जानकारी उपलब्ध हो सके।

उन्होंने आरोप लगाया कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री अमृतसर हरियाणा गठन से लेकर आज तक प्रदेश के ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिबान का फंड पंजाब ले जा रही थी। यही कारण है कि वह अब सुप्रीम कोर्ट के फैसला आने के बावजूद हरियाणा के गुरुद्वारा साहिबान की सेवा संभाल प्रदेश की संगत को सौंपने से कतरा रही है। उन्होंने कहा कि एसजीपीसी का कहना है कि हरियाणा के गुरुद्वारा साहिबान में खर्चे ज्यादा और आमदनी कम है। ऐसे में वे घाटे का सौदा क्यों कर रहे हैं और प्रदेश के गुरुद्वारा साहिबान की सेवा हरियाणा की संगत की झोली में डाल देनी चाहिए थी। 

एसजीपीसी बड़े भाई की भूमिका निभाए
कवलजीत सिंह अजराना ने एसजीपीसी से आह्वान किया कि वह बड़े भाई की भूमिका निभाएं और सेवा संभाल में उन्हें सहयोग करें, वे आज भी उनका उसी तरह सत्कार करते रहेंगे। अजराना ने कहा कि हाल ही में हुई घटना के लिए एसजीपीसी नहीं, बल्कि शिरोमणि अकाली दल (बादल) के नेता जिम्मेदार हैं क्योंकि उन्होंने एक साजिश के तहत यहां पर माहौल खराब करने का असफल प्रयास किया। मगर हरियाणा की सिख संगत आज भी उन्हें माफ करते हुए अपेक्षा करती है कि वे भविष्य में उन्हें सहयोग करेंगे। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की पालन करना सरकार का कर्तव्य था और वही कर्तव्य उसने निभाया है।

हरियाणा के लिए एक सराय का आरक्षण जारी
अजराना ने बताया कि हरियाणा से रोजाना सिख संगत श्री दरबार साहिब अमृतसर में दर्शनार्थ जाती है, जिसके वहां ठहरने और रात्रि विश्राम के लिए एक सराय आरक्षित थी। मगर गत दिनों से हरियाणा की संगत को वहां ठहरने के लिए कमरे नहीं दिए जा रहे, जिस कारण उनमें रोष पनप रहा है। उन्होंने एसजीपीसी से आग्रह किया कि हरियाणा की सिख संगत के लिए पूर्व की भांति एक सराय आरक्षित रखी जाए।

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