पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बीजेपी-जेजेपी सरकार किसानों को मुआवजा, एमएसपी और समय पर खाद देने के मामले में पूरी तरह विफल साबित हुई है। लंबे आंदोलन के बाद सरकार ने सूरजमुखी के किसानों की फसल एमएसपी पर खरीदने का वादा किया था लेकिन खुद के वादे से मुकरते हुए सरकार ने पोर्टल ही बंद कर दिया।
अब किसान अपनी फसल बेचने के लिए दर-दर भटक रहे हैं। इसी तरह 1962 रुपये एमएसपी वाली मक्का एक हजार से भी कम रेट पर बिक रही है। इससे पहले किसानों को सरसों, धान और गेहूं के को भी घाटे में बेचना पड़ा था। हैरानी की बात है कि हर मामले में पोर्टल सिस्टम फेल होने के बाद सरकार अब इसे खाद पर भी थोपना चाहती है, यानि जो पोर्टल व्यवस्था किसानों को एमएसपी और मुआवजे से वंचित कर रही थी, वह अब खाद से भी वंचित करने जा रही है।
- मुआवजे के मुद्दे पर बोलते हुए हुड्डा ने कहा कि उन्हें जो डर था आखिरकार वहीं हुआ। बार-बार मांग किए जाने के बावजूद बीजेपी-जेजेपी सरकार ने किसानों को मुआवजा नहीं दिया।
- सरकार एक बार फिर जानबूझकर किसानों को आंदोलन के लिए मजबूर कर रही है। चरखी दादरी समेत प्रदेशभर के किसानों का आरोप है कि सरकार ने पिछले दिनों हुई बेमौसम बारिश से हुए नुकसान के एवज में बमुश्किल 20 फीसदी किसानों को ही नाममात्र मुआवजा दिया है।