HARYANA VRITANT

हिसार में सीएम सैनी ने अपने संबोधन में हुड्डा की जनता मांगे हिसाब यात्रा के केंद्र में खुद को ही रखा। उन्होंने मनोहरलाल सरकार के साढ़े 9 साल के काम गिनवाने के बजाय खुद के कार्यों को ही जनता के सामने रखा।

रैली से कुलदीप-भव्य बिश्नोई की दूरी, नाराजगी को राज्यसभा टिकट न मिलने से जोड़ा गया।

सीएम नायब सिंह सैनी ने लोकसभा चुनाव की आचार संहिता खत्म के होने के बाद हिसार में चार रैलियां की। इनमें से एक में भी कुलदीप और उनके बेटे भव्य बिश्नोई शामिल नहीं हुए। सीएम ने 20 जून को हिसार एयरपोर्ट पर, 20 जुलाई को आर्यनगर, 17 अगस्त को हांसी और 22 अगस्त को शाहपुर में रैली की। इन चारों रैली में से किसी में भी आदमपुर विधायक भव्य बिश्नोई, उनके पिता पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई शामिल नहीं हुए। शाहपुर की रैली में भी इन दोनों के नहीं आने की वजह को लोगों ने राज्यसभा टिकट नहीं दिए जाने से जोड़ा।

गिनाए अपने काम, नहीं लिया मनोहरलाल का नाम

सीएम सैनी ने अपने संबोधन में हुड्डा की जनता मांगे हिसाब यात्रा के केंद्र में खुद को ही रखा। उन्होंने मनोहरलाल सरकार के साढ़े 9 साल के काम गिनवाने के बजाय खुद के कार्यों को ही जनता के सामने रखा। भाषण के दौरान सैनी ने पूर्व सीएम मनोहर लाल का नाम भी नहीं लिया।

रैली से पहले भीम आर्मी के नेताओं को हिरासत में लिया

भीम आर्मी के सदस्याें ने जिला प्रशासन के प्रति नाराजगी जाहिर करने के लिए सीएम को नीले झंडे दिखाने का एलान किया था। इसके बाद पुलिस ने भीम आर्मी हिसार के नेताओं संतलाल आंबेडकर, अमित जाटव को हिरासत में ले लिया। करीब 4 घंटे बाद रैली समाप्त होने पर सिटी थाने से रिहा कर दिया। पवन बलराज सातरोड, भीम आर्मी नेता प्रदीप यादव ने कहा कि समाज के मुद्दे पर हम सब एक हैं। हरियाणा में भाजपा सरकार सिर्फ एक महीने की मेहमान है।

रैली के नाम को लेकर भी विरोधाभास

भाजपा की ओर से अब तक इस रैली का नाम जन आशीर्वाद रैली बताया जा रहा था। वीरवार को मंच पर विजय संकल्प रैली के बैनर लगे थे। सीएम नायब सिंह सैनी ने रैली को जन आशीर्वाद विजय संकल्प रैली कहा।

रैली को लेकर आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत

सीएम नायब सिंह सैनी की रैली को लेकर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता एडवोकेट योगेश सिहाग ने जिला निर्वाचन अधिकारी को शिकायत देकर आचार संहिता का उल्लंघन बताया। उन्होंने कहा कि गांव शाहपुर में आयोजित रैली गांव के सरकारी स्कूल परिसर में हुई है। चुनाव आयोग ने सरकारी स्कूल या अन्य सरकारी संस्थानों के परिसर में चुनावी गतिविधि के आयोजन पर पाबंदी लगाई है। उन्होंने सवाल किया कि भाजपा की सरकारी स्कूल में रैली की इजाजत किस आधार पर दी गई।

रैली बिना प्रशासन की मंजूरी के हुई है तो सीएम नायब सिंह सैनी व रैली संयोजक डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा के खिलाफ कार्रवाई की जाए। उधर, शाहपुर राजकीय सीनियर सेकेंडरी के डीडीओ नरेश कुमार ने कहा कि जिस मैदान में रैली हुई वह पंचायत की जमीन है। स्कूल उसे केवल उपयोग करता है। जिला निर्वाचन अधिकारी प्रदीप दहिया ने कहा कि सी विजिल एप पर शिकायत आई थी, जिसे जांच टीम की निराधार पाए जाने के बाद बंद कर दिया।