HARYANA VRITANT

Hisar News हरियाणा के हिसार जिले की हांसी तहसील से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां मृत व्यक्ति के नाम से फर्जी शपथ पत्र (ऐफिडेविट) तैयार कर सरकारी दस्तावेजों में हेरफेर किया गया। इस मामले में पुलिस ने लालपुरा निवासी दीवान सिंह की शिकायत पर तत्कालीन तहसीलदार समेत सात लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

ऐसे हुआ फर्जीवाड़ा

पीड़ित दीवान सिंह ने बताया कि उनका खाता विभाजन और रास्ते को लेकर मामला तहसीलदार हांसी के पास विचाराधीन था, जिसकी अपील आयुक्त हिसार के समक्ष लंबित थी। इस बीच तत्कालीन तहसीलदार रामफल कटारिया, अधिवक्ता सुखवीर यादव, उनके मुंशी सोनू और अन्य आरोपितों ने मिलकर आपराधिक षड्यंत्र के तहत फर्जी दस्तावेज तैयार किए।

मृतक के नाम से तैयार किया गया फर्जी ऐफिडेविट

शिकायतकर्ता के अनुसार, 24 जनवरी 2012 को तहसीलदार और अन्य आरोपितों ने रामसिंह नामक व्यक्ति के नाम से एक फर्जी ऐफिडेविट तैयार किया, जबकि रिकॉर्ड के अनुसार रामसिंह की मृत्यु 19 जून 2010 को ही हो चुकी थी। इस ऐफिडेविट के आधार पर खसरा-खतौनी विभाजन से संबंधित सरकारी प्रमाण पत्र तैयार किए गए, जिनका इस्तेमाल कोर्ट की कार्यवाही में भी हुआ। इसके बाद, 13 फरवरी 2012 को एक और फर्जी ऐफिडेविट पेश किया गया।

कोर्ट ने दिया FIR दर्ज करने का आदेश

पीड़ित ने पहले भी पुलिस में शिकायत दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। बाद में कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले (सुरेश चंद्र जैन बनाम मध्य प्रदेश राज्य, 2001) का हवाला देते हुए धारा 156(3) सीआरपीसी के तहत 7 दिनों के भीतर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए। इसके बाद पुलिस ने तहसीलदार सहित सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया।

स्कूटी चोरी में दो गिरफ्तार, 11 स्कूटी बरामद

इस बीच, हांसी सीआईए ने एमिनेंट मॉल के पास से इलेक्ट्रिक स्कूटी चोरी के मामले में दो आरोपितों—आदमपुर निवासी अमन और बरवाला के खारा निवासी राजेश को गिरफ्तार किया। पुलिस ने दोनों से अलग-अलग जगहों से चुराई गई 11 इलेक्ट्रिक स्कूटी बरामद की हैं।

उप निरीक्षक कर्ण सिंह ने बताया कि आरोपित अमन पहले भी स्कूटी चोरी के मामले में जेल में था और 6 फरवरी को जमानत पर रिहा हुआ था। उसके खिलाफ आजाद नहर थाने में दो स्कूटी चोरी के केस और एनडीपीएस एक्ट के तहत एक मामला दर्ज है।