HARYANA VRITANT

Chandigarh News पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने झज्जर निवासी करिश्मा की याचिका पर फैसला सुनाते हुए हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) को कड़ी फटकार लगाई और 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। कोर्ट ने करिश्मा को कांस्टेबल पद पर नियुक्ति देने का भी आदेश दिया।

एचएसएससी का रवैया अवैध और भेदभावपूर्ण: हाईकोर्ट

करिश्मा को कांस्टेबल पद के लिए ऊंचाई मानदंड पूरा न करने के आधार पर अयोग्य ठहराया गया था। हाईकोर्ट ने इसे अवैध और भेदभावपूर्ण करार देते हुए कहा कि आयोग ने यह मामला प्रतिष्ठा का मुद्दा बना लिया और उसके दावे को हर तरह से खारिज करने की कोशिश की।

छह साल तक अनुचित तरीके से वंचित रखा गया

हाईकोर्ट ने पाया कि करिश्मा की ऊंचाई सही तरीके से मापी नहीं गई थी। असल में वह मानदंडों को पूरा करती थी, लेकिन इसके बावजूद आयोग ने बार-बार अलग-अलग कारण देकर उसकी उम्मीदवारी खारिज की।

महिला को परेशान करने का आयोग पर आरोप

कोर्ट ने कहा कि आयोग ने करिश्मा, जो एक गरीब और एससी श्रेणी से संबंधित महिला हैं, को जानबूझकर परेशान किया। आयोग ने उनकी उम्मीदवारी को कट-ऑफ तिथि पर अधिक आयु का हवाला देकर खारिज करने की कोशिश की।

नाबालिग बच्चों के साथ लड़नी पड़ी कानूनी लड़ाई

करिश्मा, जो दो बच्चों की मां हैं, पिछले छह वर्षों से अपनी नियुक्ति के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रही थीं। हाईकोर्ट ने कहा कि आयोग की ओर से उठाई गई आपत्तियां तुच्छ और कानून के दायरे से बाहर थीं। कोर्ट ने इस रवैये की कड़े शब्दों में निंदा की।

सरकार के विचारार्थ भेजने का निर्देश

हाईकोर्ट ने कहा कि आयोग को करिश्मा के मामले को अधिक आयु के आधार पर खारिज करने के बजाय सरकार के विचारार्थ भेजना चाहिए था। आयोग का यह रवैया न केवल गैरकानूनी है बल्कि मानवीय दृष्टिकोण से भी अक्षम्य है।