Panchkula News पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने 2003 की नीति के तहत अस्थायी कर्मचारियों की सेवाएं नियमित करने के मामलों की जांच में लापरवाही के लिए हरियाणा सरकार पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। सरकार ने एकल पीठ के निर्देशों का पालन न करते हुए सीधे अपील दायर कर दी थी।
एकल पीठ के आदेश की अवहेलना पर सरकार पर कार्रवाई
हरियाणा सरकार ने कोर्ट के आदेशों का पालन करने की बजाय अपील दायर कर दी, जो कि गलत माना गया। हाई कोर्ट की खंडपीठ ने सरकार की अपील को खारिज करते हुए कहा कि एकल पीठ ने सिर्फ मामलों की जांच का निर्देश दिया था।
खंडपीठ ने सरकार की अपील को किया खारिज
जस्टिस अनुपिंदर सिंह ग्रेवाल और जस्टिस लपिता बनर्जी की खंडपीठ ने सरकार की अपील को अवैध मानते हुए इसे खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि आदेश में कोई अवैधता नहीं थी, सरकार को कर्मचारियों के मामलों पर विचार करना चाहिए था।
कोर्ट का निर्देश: याचिकाकर्ताओं के मामलों पर विचार करें
कोर्ट ने सरकार से कहा कि वह नीति के तहत याचिकाकर्ताओं के मामलों का मूल्यांकन करे और योग्य पाए जाने पर नियमितीकरण का लाभ प्रदान करे। योग्य न होने पर स्पष्ट कारण बताए जाएं।
जल्दबाजी में अपील दायर करने पर सरकार को चेतावनी
अपनी जिम्मेदारियों को निभाने की बजाय अपील दायर करने पर कोर्ट ने सरकार की जल्दबाजी की आलोचना की। सरकार ने तर्क दिया था कि अस्थायी कर्मचारी स्वीकृत पदों पर कार्यरत नहीं थे, लेकिन कोर्ट ने इसे पर्याप्त नहीं माना और जुर्माना लगाया।