हरियाणा में सड़कों पर दौड़ती सभी रोडवेज बसों पर अब ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ के साथ ‘जानवरों पर दया करो’ का संदेश भी दिखेगा।

इतना ही नहीं, सहकारी परिवहन समितियों और प्राइवेट बस संचालकों को भी जीवों को बचाने के लिए प्रेरित करता स्लोगन लिखना होगा। यह फैसला पशुओं के प्रति दयालुता बढ़ाने और सड़क पर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।
हिंदी के साथ अंग्रेजी में भी लिखा जाएगा स्लोगन
प्रदेश सरकार ने सभी सार्वजनिक परिवहन वाहनों पर पशु कल्याण से जुड़ा संदेश लिखना अनिवार्य कर दिया है। परिवहन आयुक्त ने सभी जिला परिवहन अधिकारियों सह क्षेत्रीय यातायात प्राधिकरण सचिवों को आदेशों का सख्ती से पालन कराने का निर्देश दिया है। हिंदी के साथ अंग्रेजी में भी यह स्लोगन लिखा जा सकेगा।
स्लोगन की न्यूनतम ऊंचाई 150 मिलीमीटर (एमएम) होनी चाहिए ताकि वह आसानी से पढ़ने में आ सके। इसे ऐसे स्थान पर लगाना होगा, जहां से वह सभी को दिखाई दे। स्लोगन का रंग इस हिसाब से हो कि यह बस के रंग में न मिले। यानी स्लोगन स्पष्ट रूप से दिखे। इसे पेंट या स्टीकर के रूप में भी लगाया जा सकता है। सरकार को उम्मीद है कि इस पहल से लोगों में पशु कल्याण को लेकर जागरूकता बढ़ेगी और सड़क पर बेसहारा या घरेलू जानवरों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ेगी।
मेनका गांधी ने अनिल विज को लिखा था पत्र
दरअसल, यात्री वाहनों के साथ ही रोडवेज बसों पर स्लोगन के जरिये बेटियों को बचाने के लिए जागरूक करने का अभियान सफल रहा। इसे देखते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने 25 फरवरी को सभी राज्यों के परिवहन आयुक्तों और प्रधान सचिवों को पशुओं पर दया करने और उनका ख्याल रखने के लिए स्लोगन की मदद लेने के लिए लिखित अनुरोध भेजा था।इसमें कहा गया है कि हाल के वर्षों में मानव व जीवों के बीच संघर्ष के कई मामले सामने आए हैं। विशेषकर जंगल क्षेत्र में जीवों को लेकर जागरूकता ज्यादा जरूरी है। वाहनों पर जीवों के प्रति सरल रहने और उन्हें बचाने की जागरूकता के स्लोगन इसमें अहम भूमिका निभा सकते हैं।वहीं, पशु अधिकार कार्यकर्ता और पर्यावरणविद के रूप में पहचान बनाने वाली पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेत्री मेनका गांधी ने भी हरियाणा के परिवहन मंत्री अनिल विज को इस संबंध में पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने सार्वजनिक परिवहन वाहनों पर पशु कल्याण से जुड़ा संदेश लिखना अनिवार्य करने की वकालत की। विज ने इस पर गंभीरता दिखाते हुए तुरंत प्रभाव से परिवहन अधिकारियों को केंद्र सरकार के आदेश को सख्ती से लागू कराने का निर्देश जारी कर दिया।
पर्यावरण और जीव-जंतुओं की रक्षा करना सभी का कर्तव्य
संविधान के अनुच्छेद 51 ए (जी) के अनुसार प्रत्येक नागरिक का यह मौलिक कर्तव्य है कि वह वन, झील, नदी और वन्य जीवन सहित प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा और सुधार करे तथा जीवित प्राणियों के प्रति दया भाव रखे। इसके अलावा पशु कल्याण सुनिश्चित करने के लिए दो कानून, पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 बनाए गए हैं।