Haryana Politics हरियाणा की सियासत फिर एक बार हिंडोरे खा रही है। प्रदेश सरकार से तीन निर्दलीय विधायकों ने समर्थन वापस खींच लिया है। इसके बाद से ही राजनीति में सियासत तेज हो गई है। इस संदर्भ में अब कांग्रेस महासचिव संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा कि हरियाणा सरकार ने अपना बहुमत खो दिया है। हरियाणा में अब राष्ट्रपति शासन लगाने का समय आ गया है।
हरियाणा में राजनीतिक संकट के बीच कांग्रेस महासचिव संचार प्रभारी जयराम रमेश ने शुक्रवार को कहा कि हरियाणा सरकार ने अपना बहुमत खो दिया है। हरियाणा में अब राष्ट्रपति शासन लगाने का समय आ गया है। तीन निर्दलीय विधायकों ने अपना समर्थन वापस ले लिया अब प्रदेश में सरकार को बर्खाश्त कर राष्ट्रपति शासन लगना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भाजपा जो खरीद-फरोख्त (ऑपरेशन लोटस) करेगी वो करेगी ही। पिछले 10 सालों से विभिन्न राजनीतिक दल ऐसा करते आए हैं। जयराम ने कहा कि लेकिन यह बहुत साफ है कि हरियाणा में भाजपा के दिन गिने-चुने ही रह गए हैं। जैसे नई दिल्ली में भाजपा के दिन गिने-चुने रह गए हैं।
हरियाणा में सियासी संकट…
हरियाणा में गए मंगलवार को नायब सरकार से तीन निर्दलीय विधायकों ने समर्थन वापस ले लिया। जिसके बाद सियासी महकमे में अफरा-तफरी मच गई। जहां एक ओर भाजपा को दो विधायकों की आवश्यकता है।
वहीं जननायक जनता पार्टी पर भी खतरा मंडराने लगा है। पार्टी के दस विधायकों में से छह विधायक बगावत करने के लिए तैयार है। ऐसे में अब जजपा के भीतर भी टकराव का खतरा बढ़ गया है।
जननायक जनता पार्टी के छह विधायक अपना लीडर बदलने पर विचार कर रहे हैं। इस पूरी मुहिम की बागडोर देवेंद्र बबली संभाल रहे हैं। इसमें उनका साथ मनोहर लाल भी दे रहे हैं। बीते गुरुवार तीन जजपा विधायकों ने पानीपत में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात कर भाजपा सरकार का साथ देने का भरोसा दिलाया है।