सरकारी नौकरी पाना हर युवा का सपना होता है। इसके लिए फार्म भरना पड़ता है, फिर परीक्षा देनी पड़ती है, फिर इंटरव्यू, मेडिकल व ट्रेनिंग के बाद एक सरकारी बाबू बनने का सपना पूरा होता है। युवाओं के इसी सपने का फायदा ठग भी उठाते हैं। ऐसे ही एक अंतरराज्यीय ठग गिरोह को हरियाणा पुलिस की राज्य अपराध शाखा ने दबोचा है।
यह गिरोह केंद्र सरकार के विभागों और भारतीय खाद्य निगम से लेकर सेना और अर्धसैनिक बलों और उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण विभाग में नौकरी दिलवाने का झांसा देकर लाखों रुपये ठगता था।
- आरोपितों की पहचान उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर निवासी मुख्य साजिशकर्ता दीपक राठी और सीतापुर निवासी राहुल तथा रोहतक के कटेसरा निवासी विष्णु चौहान के रूप में हुई है। नोएडा से गिरफ्तार किए गए राहुल का मुख्य काम ब्रोकर की तरह डील करना और फर्जी दस्तावेज तैयार करना था। इसी तरह दिल्ली निवासी विमल कुमार और मोहम्मद शोएब को ठगी में गिरफ्तार किया गया है।
शोएब साइबर कैफे का संचालक है जहां से उसे छापा मारकर गिरफ्तार किया गया। राज्य अपराध शाखा के मुखिया और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने बताया कि पुलिस अधीक्षक सुरेश कुमार की अध्यक्षता में गठित एसआइटी ने पांचों आरोपितों से चार लाख रुपये, मोबाइल फोन, कंप्यूटर, पेन ड्राइव बरामद किया है।
- आरोपितों के अलग-अलग खातों में बड़ी रकम के लेन-देन के बारे में जानकारी मिली है। आरोपित विष्णु के खिलाफ एक मुकदमा करनाल में भी दर्ज है। रिमांड के दौरान आरोपितों ने बताया कि बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में सरकारी नौकरी दिलवाने के नाम पर उन्होंने ठगी को अंजाम दिया है।