Haryana News आरटीई 2009 के तहत 1 से 8वीं कक्षा तक किसी भी विद्यार्थी को फेल नहीं किया जाता था। नए नियम लागू होने के बाद यह प्रावधान खत्म कर दिया गया है।

फेल होने पर मर्सी चांस मिलेगा
विद्यार्थियों को 5वीं और 8वीं कक्षा में पास होने के लिए न्यूनतम अंक लाना जरूरी होगा। यदि विद्यार्थी फेल होता है, तो उसे 60 दिनों बाद फिर से परीक्षा देने का एक और मौका दिया जाएगा। फिर भी पास न होने पर अगली कक्षा में प्रवेश नहीं मिलेगा।
कमजोर छात्रों के लिए अतिरिक्त कक्षाएं
कम अंक लाने वाले छात्रों के लिए स्कूलों में अतिरिक्त कक्षाएं लगाई जाएंगी। अभिभावकों की काउंसिलिंग की भी व्यवस्था की जाएगी, ताकि बच्चों के प्रदर्शन में सुधार हो सके।
बदलाव की आवश्यकता क्यों?
शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, फेल न करने के नियम से छात्रों का सीखने का स्तर गिर रहा था। अगली कक्षा में जाते समय वे पिछले पाठ्यक्रम में कमजोर रह जाते थे, जिससे उच्च कक्षाओं में पढ़ाई चुनौतीपूर्ण हो जाती थी।
स्कूल से निष्कासन पर रोक
नियमों के अनुसार, प्रारंभिक शिक्षा पूरी होने तक किसी भी छात्र को स्कूल से निकाला नहीं जा सकता। उल्लंघन करने पर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
2025 से होगा लागू
हरियाणा शिक्षा निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि यह नियम शैक्षणिक सत्र 2025 से लागू किया जाएगा। जिला शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए गए हैं।