मेवात का रहने वाला जोड़ा मुस्लिम समुदाय से है। महिला के पहले पति की मौत हो चुकी है। दोनों ने मार्च में शादी की थी। इसके बाद दोनों सुरक्षा की गुहार लेकर हाईकोर्ट पहुंचे थे।
घर से भागकर प्रेम विवाह करने वाले जोड़े हाईकोर्ट में अकसर आते हैं, लेकिन अपने आप में एक अलग मामला हाईकोर्ट के सामने पहुंचा है।
मुस्लिम समुदाय से है दंपती
याचिका दाखिल करते हुए मेवात निवासी दंपती ने एडवोकेट नफीस अहमद के माध्यम से बताया कि दोनों मुस्लिम हैं और महिला विधवा है। उसके सात बच्चे हैं। पुरुष ने बताया कि वह भी पहले से शादीशुदा है और उसके पहले विवाह से पांच बच्चे हैं। दोनों ने मार्च में मुस्लिम रीति रिवाजों से शादी की है, लेकिन उनकी जान को खतरा बना हुआ है। मामला जब सुनवाई के लिए पहुंचा, तो पुलिस ने बताया कि दोनों को कुछ दिनों के लिए प्रोटेक्शन होम में रखा था और अब उन्हें कोई खतरा नहीं है।
इस मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि हम इस बात पर अपनी आंखें नहीं मूंद सकते कि दोनों के पहले विवाह से कुल 12 बच्चे हैं। इन बच्चों के भविष्य के बारे में सोचे बिना इन्होंने विवाह कर लिया। देश की जनसंख्या इतनी तेजी से बढ़ रही है, इसका ख्याल नहीं कर रहे, लेकिन अपने बच्चों के भविष्य का तो ख्याल करो। हाईकोर्ट के इस रुख पर याचिकाकर्ताओं ने याचिका वापस लेने की छूट मांगी इसे मंजूर करते हुए हाईकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया।