Haryana News हरियाणा के किसान डीएपी खाद की कमी से जूझ रहे हैं, और कई जिलों में स्थिति गंभीर है। हिसार, भिवानी, चरखीदादरी, फतेहाबाद, और नारनौल जैसे जिलों में खाद का स्टॉक पूरी तरह समाप्त हो चुका है। इस अभूतपूर्व कमी के चलते कई जगहों पर खाद को पुलिस स्टेशनों में सुरक्षा के बीच बांटना पड़ा है।
स्टॉक की कमी पर सरकार के दावे और वास्तविक स्थिति
हालांकि, हरियाणा सरकार का दावा है कि उनके पास 25,000 टन डीएपी का स्टॉक है, लेकिन जिलों से लगातार स्टॉक खत्म होने की शिकायतें आ रही हैं। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि यदि खाद की आपूर्ति इसी रफ्तार से जारी रही, तो गेहूं की बुआई पर असर पड़ सकता है। सरकार द्वारा नवंबर में 1.10 लाख एमटी डीएपी आवंटित किया गया है, लेकिन यह शेड्यूल के अनुसार नहीं पहुंच रहा है, जिससे किसानों की समस्या और बढ़ रही है।
कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला का सरकार पर हमला
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि किसानों की समस्याओं पर सरकार अनजान बनी हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि कई जिलों में डीएपी खाद उपलब्ध नहीं है और सरकार झूठे दावे कर रही है। सुरजेवाला ने किसानों की आत्महत्या का भी मुद्दा उठाया और मुख्यमंत्री से सवाल किया कि उन्होंने धान की खरीद को लेकर जो वादे किए थे, वो पूरे क्यों नहीं हुए।
प्रेस सचिव प्रवीन आत्रेय का पलटवार
मुख्यमंत्री के प्रेस सचिव प्रवीन आत्रेय ने सुरजेवाला के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि एसी कमरे में बैठकर बयान देना आसान है, लेकिन धरातल पर सरकार ने किसानों के लिए ठोस कदम उठाए हैं। आत्रेय ने बताया कि मुख्यमंत्री ने पहले ही सूखे से प्रभावित किसानों को 2,000 रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा दिया और 50 लाख टन से अधिक धान की खरीद कर किसानों को 11,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।
आगे की स्थिति और किसानों की अपील
कृषि विभाग ने किसानों से कम उर्वरक का प्रयोग करने की अपील की है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि बुआई के समय पर खाद नहीं पहुंचा तो इस बार गेहूं की फसल प्रभावित हो सकती है।