HARYANA VRITANT

Haryana News पुलिस हिमानी नरवाल हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के लिए घटनास्थल पर जाकर सीन रीक्रिएट कर सकती है। इसके अलावा, केस से संबंधित लैपटॉप और अन्य सामान की बरामदगी की जाएगी। पुलिस ऑटो रिक्शा और बस चालक से भी पूछताछ कर आरोपी के दावों की पुष्टि करेगी।

आरोपी ने कैसे दिया वारदात को अंजाम?

गिरफ्तार आरोपी सचिन उर्फ ढिल्लू ने पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। पुलिस के मुताबिक, 28 फरवरी को सचिन और हिमानी के बीच रुपये के लेनदेन को लेकर विवाद हुआ था। हिमानी ने गुस्से में सचिन को थप्पड़ मार दिया, जिससे वह तमतमा गया और चार्जर के तार से गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी।

शव को सूटकेस में डालकर पहुंचा बस स्टैंड

हत्या के बाद सचिन ने शव को रजाई से ढक दिया और कुछ देर सोचने के बाद उसे ठिकाने लगाने की योजना बनाई। उसने घर में रखे एक सूटकेस में शव डाल दिया, जिससे हाथ-पैर बुरी तरह मुड़ गए थे। फिर वह ऑटो रिक्शा लेकर दिल्ली बाईपास पहुंचा और बस से सांपला जाकर झाड़ियों में सूटकेस फेंक दिया।

आरोपी के हाथों पर मिले हिमानी के संघर्ष के निशान

हत्या के दौरान हिमानी ने खुद को बचाने के लिए पूरी ताकत लगाई थी। पुलिस जांच में सामने आया कि सचिन के हाथों पर नाखूनों के निशान थे, जो हिमानी के संघर्ष का सबूत थे।

वारदात के बाद सबूत मिटाने की कोशिश

हत्या के बाद सचिन हिमानी के घर दोबारा पहुंचा और वहां खून से सनी रजाई का कवर हटाकर अन्य सबूत मिटाने की कोशिश की। इसके बाद वह हिमानी के जेवर, लैपटॉप और अन्य सामान लेकर अपनी दुकान चला गया और वहां करीब तीन घंटे बिताए।

हिमानी के गहने गिरवी रखकर रखी थी भागने की योजना

सचिन ने हिमानी के आभूषण एक निजी फाइनेंस कंपनी में गिरवी रख दिए थे। उसे अंदेशा था कि अगर वह पकड़ा गया तो उसे पैसों की जरूरत पड़ेगी। हालांकि, उसने पुलिस को यह भी बताया कि हिमानी ने खुद ही उसे अंगूठी दी थी, लेकिन पुलिस इस दावे की पुष्टि कर रही है।

एमडीयू में दी गई श्रद्धांजलि

महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी (एमडीयू) में एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने हिमानी नरवाल को श्रद्धांजलि दी। एनएसयूआई अध्यक्ष अमन वशिष्ठ ने मांग की कि आरोपी को जल्द से जल्द सजा मिले और हिमानी को न्याय दिलाया जाए।