हरियाणा में किसानों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है. बता दें कि हरियाणा गोसेवा आयोग द्वारा तैयार खाद IIT दिल्ली और पूसा अनुसंधान केंद्र के मानकों पर भी खरी उतरी है. केंद्रीय स्तर पर नीति आयोग ने अब प्रोम पर सब्सिडी देने की सिफारिश की है. यदि केन्द्र सरकार सिफारिश मानती है तो किसानों को प्रोम खाद और सस्ती कीमत पर मिल सकेगी जो DAP खाद का बेहतर विकल्प साबित हो सकती है.

बता दें कि हरियाणा में खरीफ की फसल में 10 हजार एकड़ से ज्यादा में किसानों ने प्रोम का प्रयोग किया है और इसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं.

कई अन्य राज्यों में गाय के गोबर से प्रोम खाद बनाने का काम किया जा रहा है लेकिन हरियाणा गोसेवा आयोग द्वारा तैयार किया गया प्रोम सबसे प्रभावी साबित हुआ है. प्रदेश में गोशाला की संख्या का आंकड़ा 680 है और इनमें से प्रतिदिन 50 लाख किलोग्राम गोबर निकलता है.

  • हरियाणा गोसेवा आयोग ने गोबर को डीएपी के विकल्प में बदलने का जो कदम बढ़ाया था, वह सफल साबित हो रहा है.
  • प्रदेश भर की गौशालाओं में 5 लाख से अधिक गौवंश है और इनके गोबर से रोजाना 70 हजार खाद के कट्टे तैयार किए जा सकते हैं.
  • इस खाद का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि यह पूरी तरह से जैविक होगी, जो बीमारियों से बचाएगी.

मौजूदा समय में उत्पादन बढ़ाने के लिए रासायनिक उर्वरकों का अंधाधुंध इस्तेमाल किया जा रहा है. हरियाणा गोसेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण कुमार गर्ग ने बताया कि सीएम मनोहर लाल द्वारा जो जैविक खेती का संकल्प लिया गया है, उसे पूरा करने में प्रोम काफी अहम भूमिका अदा करेगा.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *