हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने बागी नेताओं से निपटने की तैयारी कर ली है। हाईकमान ने संभावित बागियों की सूची तैयार की है, जिसमें पूर्व विधायकों और सांसदों को शामिल किया गया है। इन नेताओं को मनाने के लिए कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी की टीम और प्रमुख नेता मल्लिकार्जुन खरगे व केसी वेणुगोपाल सक्रिय हैं। दिल्ली में इन्हें बुलाकर पार्टी में बने रहने के फायदे बताए जा रहे हैं, साथ ही सरकार बनने पर एडजेस्टमेंट का भी आश्वासन दिया गया है।
कांग्रेस ने अब तक 41 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं, जबकि शेष 49 सीटों पर प्रत्याशियों के नामों के साथ-साथ संभावित बागी नेताओं की सूची भी तैयार की गई है। पार्टी नेतृत्व किसी भी प्रकार की बगावत से बचने के लिए लगातार नेताओं को समझा-बुझा रहा है। राहुल गांधी की टीम खुद इस मोर्चे पर जुटी हुई है। रविवार और सोमवार को 20 से अधिक नेताओं को दिल्ली बुलाकर समझाने की कोशिश की गई है। कांग्रेस इस बार टिकट वितरण में संतुलन बनाए रखने का प्रयास कर रही है, लेकिन चौथी सूची जारी होते ही बगावत की संभावनाएं भी बढ़ सकती हैं।
संभावित बगावत से निपटने की तैयारी
पार्टी की आगामी चौथी सूची के साथ ही बगावत की संभावनाओं को देखते हुए कांग्रेस नेतृत्व ने अपने हाथ में कमान ली है। पार्टी की तीन सूचियों में अभी तक 28 विधायकों और अन्य वरिष्ठ नेताओं को टिकट दिया गया है। हालांकि, कुछ सीटों पर असंतोष की खबरें भी हैं, खासकर जजपा से आए नेताओं को लेकर।
आंतरिक विरोध और संभावित प्रत्याशी
आंतरिक विरोध के चलते कुछ नेताओं ने चुनाव से हटने का फैसला किया है, जैसे पिहोवा से कवलजीत सिंह अजराना, जिन्होंने विरोध के चलते मैदान छोड़ दिया। रोहतक सीट पर मनीष ग्रोवर को टिकट मिलने से भाजपा का सस्पेंस खत्म हो गया है, जबकि कई अन्य सीटों पर दावेदारों के नाम अभी भी चर्चा में हैं।
परिवारवाद और बगावत की चर्चा
कांग्रेस की तीसरी सूची में परिवारवाद का दबदबा साफ नजर आया। कांग्रेस ने अनुभवी नेताओं के साथ-साथ युवा चेहरों को भी मौका दिया है। वहीं, आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन न होने से कई कांग्रेसी नेताओं ने राहत की सांस ली है, खासकर पंजाब से सटी सीटों पर।