Haryana Election 2024 हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में निर्दलीय उम्मीदवार एक बार फिर से राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित कर रहे हैं। इस बार 462 से अधिक निर्दलीय उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं, जिनमें से 40 भाजपा और कांग्रेस के बागी नेता हैं। ये बागी नेता पार्टी से टिकट न मिलने पर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें 17 कांग्रेस और 23 भाजपा के नेता शामिल हैं, जो अब स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़कर पार्टी की जीत की संभावना को कमजोर कर सकते हैं।
हरियाणा में निर्दलीय प्रत्याशियों का इतिहास काफी पुराना है। हर विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवारों ने अहम भूमिका निभाई है और कई बार जीत भी दर्ज की है। 1967 और 1987 में तो 16-16 निर्दलीय विधायक चुने गए थे। अब तक कुल 117 निर्दलीय विधायक हरियाणा विधानसभा में अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुके हैं। इनमें से ज्यादातर बागी नेता होते हैं, जो टिकट न मिलने पर निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ते हैं और विधानसभा में पहुंचते हैं।
2019 के चुनावों में भी निर्दलीय उम्मीदवारों ने बड़ा असर डाला था। भाजपा को 40 सीटें मिलने के बाद निर्दलीयों का समर्थन लेना पड़ा था, जिसके बाद ही वह सरकार बना सकी थी। निर्दलीय विधायकों को सत्ता में शामिल कर भाजपा ने अपनी स्थिति मजबूत की थी। इसी तरह, कांग्रेस के बागियों ने भी 2009 में हुड्डा सरकार के दौरान महत्वपूर्ण पद हासिल किए थे। इससे स्पष्ट होता है कि निर्दलीय उम्मीदवार हमेशा से हरियाणा की राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाते रहे हैं।
इस बार भी स्थिति कुछ अलग नहीं है। 40 से अधिक बागी नेता निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं, जो भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए चुनौती साबित हो सकते हैं। निर्दलीय उम्मीदवारों की यह मजबूत उपस्थिति दोनों प्रमुख पार्टियों के समीकरण बिगाड़ सकती है, खासकर उन सीटों पर जहां मुकाबला करीबी है।