हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की नजरअंदाज करने की शिकायत के जवाब में उद्योग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण ने 20 पेज का जवाब दिया है। अपने जवाब में एसीएस ने तथ्यों के साथ कहा है कि उन्होंने कभी भी विभागीय मंत्री को नजरअंदाज नहीं किया है। जहां तक कैबिनेट में प्रस्ताव लाने की बात है तो यह मुख्यमंत्री के आदेश के बाद लाया गया था।
- मुख्य सचिव ने एसीएस के जवाब को साथ लगाकर फाइल मुख्यमंत्री के पास भेज दी है। अब आगामी फैसला मुख्यमंत्री मनोहर लाल को लेना है। हालांकि, सूत्रों का दावा है कि एसीएस द्वारा अपने जवाब में दिए गए तथ्यों के आधार पर अब इस मामले में कार्रवाई के बजाय इस शिकायत को दफ्तर दाखिल करने की तैयारी है।
उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने अतिरिक्त मुख्य सचिव पर नजरअंदाज करने के आरोप लगाते हुए मुख्य सचिव को पत्र लिखा था और कार्रवाई की मांग की थी।
- इसके बाद मुख्य सचिव संजीव कौशल की ओर से अतिरिक्त मुख्य सचिव से इन आरोपों के बाद जवाब तलब किया गया था। एसीएस आनंद मोहन शरण ने पूरी तैयारी के साथ अपना जवाब मुख्य सचिव को दिया है।
एसीएस के खिलाफ कार्रवाई के लिए डिप्टी सीएम मुख्य सचिव को तीन पत्र लिख चुके हैं। उप मुख्यमंत्री अपने किसी भी विभाग में शरण की सेवाएं नहीं चाहते। अभी शरण के पास उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के साथ उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव का जिम्मा है, क्योंकि उद्योग एवं वाणिज्य विभाग दुष्यंत चौटाला के पास है और डिप्टी सीएम एसीएस को अपने विभाग से बदलने की सिफारिश कर चुके हैं।