HARYANA VRITANT

हरियाणा के चर्चित डिंगरहेडी दुष्कर्म और दोहरे हत्याकांड मामले में करीब साढ़े सात साल बाद पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत ने फैसला सुनाया है। जिसमें चार लोगों को आरोपित मानते हुए दोषी करार दिया गया। जबकि पर्याप्त सबूतों की कमी के कारण 6 आरोपितों को कोर्ट ने रिहा कर दिया। इन दोषी ठहराए गए आरोपितों को न्यायालय 15 अप्रैल को सजा सुनाएगी।

डिंगरहेडी दुष्कर्म और दोहरे हत्याकांड में करीब साढ़े 7 साल बाद पीड़ित परिवार को इंसाफ मिला

हरियाणा के बहुचर्चित डिंगरहेडी दुष्कर्म और दोहरे हत्याकांड में करीब साढ़े 7 साल बाद पीड़ित परिवार को इंसाफ मिला है। इस मामले में पंचकूला स्थित विशेष सीबीआई न्यायालय ने 4 आरोपितों को दोषी करार दिया है। वहीं सबूतों के अभाव में पंचकूला की विशेष सीबीआई कोर्ट ने 6 आरोपितों को बरी कर दिया है। न्यायालय दोषियों को 15 अप्रैल को सजा सुनाएंगे।

दोहरे हत्याकांड सहित दो युवतियों के साथ सामूहिक दुष्कर्म

तावडू क्षेत्र के गांव डिंगरहेडी में 2016 में 24 और 25 अगस्त की रात बदमाशों ने दोहरे हत्याकांड सहित एक नाबालिक सहित दो युवतियों के साथ सामूहिक दुष्कर्म जैसी जघन्य वारदात को अंजाम दिया था। कथित तौर पर दूसरे समुदाय के आरोपियों ने दो युवतियों के साथ गैंगरेप के अलावा दंपति की हत्या कर परिवार के पांच लोगों को घायल कर खून से लथपथ वहीं छोड़कर भाग गए थे।

केस से संबंधित 10 आरोपित भेजे गए न्यायिक हिरासत में 

इस मामले में 10 आरोपित न्यायिक हिरासत में थे।

सीबीआई ने जांच के बाद 12 लोगों को बनाया मुख्य आरोपी 

बचाव पक्ष के वकील एसपीएस परमार एवं अभिषेक राणा ने बताया कि 2016 में 24 और 25 अगस्त की रात सामूहिक दुष्कर्म सहित दंपति की हत्या हुई थी। सीबीआई द्वारा इस मामले में गहनता से जांच के बाद 12 लोगों को मुख्य आरोपी बनाया था, लेकिन एक आरोपी ने बाद में सीबीआई द्वारा तलब किए जाने पर आत्महत्या कर ली थी।

चारों युवकों ने हाईकोर्ट में लगाई थी जमानत याचिका

दरअसल पटौदी के मंदपुरा गैंगरेप में पुलिस ने बावरिया गिरोह के धमरू, मुन्ना उर्फ लक्की, लंबू उर्फ टुल्ली व राजबीर अरेस्ट किया था। आरोपियों ने डिंगरहेडी गैंगरेप व मर्डर की बात को स्वीकार किया था। जिसके बाद सीबीआई ने चारों से पूछताछ पर उन्हें ही मुख्य आरोपी माना था।

जिस पर इस केस में पहले से चारों युवकों ने हाईकोर्ट में जमानत की याचिका लगाई थी। वारदात डिंगरहेडी में अगस्त 2016 में हुई थी। जिसके बाद मेवात पुलिस (Haryana Police) ने चार स्थानीय युवकों को अरेस्ट कर जेल भेज दिया था।

आरोपी विनय उर्फ लंबू, जयभगवान, हेमंत चौहान और अयान चौहान को दोषी करार दिया गया है। तेजपाल, अमित, रविंद्र, कर्मजीत, संदीप और राहुल वर्मा को सीबीआई कोर्ट ने बरी किया है। वहीं एक आरोपी अमरजीत पैरोल पर आने के बाद फरार हो गया था, जिसकी गिरफ्तारी अभी बाकी है। आईपीसी की धारा 376डी, 302, 325, 326, 397, 459, 460 और पोस्को एक्ट के तहत दोषी करार दिया गया है।