पुलिस को दी शिकायत में शिवाजी कॉलोनी निवासी नेहा ने बताया कि दो साल से वह नौकरी की तलाश कर रही थी। इसी बीच दिल्ली के बाबूराज पुजारी के हाथ उसका बायोडाटा लग गया। उसने पति को कॉल की कि नौकरी दिलवाने में मदद करें। क्योंकि वे अदोश निगम व अक्षत निगम को जानते हैं, जो खुद को एक राजनीतिक पार्टी के मुख्यालय में अपनी पहुंच बताते हैं। कई विभागों में सीट खाली है, नौकरी लगवा देंगे।
- वह आरोपियों से मिले, जहां बागवानी विभाग में नौकरी लगवाने की बात कही। फिर एक बिल्डिंग में ले गए, जहां पशु पालन विभाग के बड़े अधिकारी के नाम का बोर्ड लगा था। तीन-चार माह बाद आरोपी अदोश निगम का फोन आया, बोला पूरा काम हो गया है। फाइनल वेरिफिकेशन के लिए दिल्ली आ जाओ।
- आरोपी उसे एक मंत्रालय में ले गया, जहां एक कमरे पर आईएएस अधिकारी का बोर्ड लगा था। ज्वाइनिंग पत्र देने के लिए डेढ़ करोड़ मांगे गए। उन्होंने कहा कि और पैसे नहीं है।
वह पैसे पहले ही दे चुके हैं। आरोपियों अभी तक न तो नौकरी लगवाई और न ही पैसे वापस दिए हैं। उससे 20 लाख की नकदी ली व 30 लाख खाते में डलवाए गए। अब नौकरी आगे बढ़ने की प्रक्रिया बढ़ाने के लिए 70 लाख रुपये और मांग रहे हैं। पुलिस ने कानपुर निवासी पिता-पुत्र अदोश निगम व अक्षत निगम, दिल्ली निवासी बाबूराज पुजारी सहित चार के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है।