HARYANA VRITANT

पुलिस के अनुसार तीनों के पास करीबन 30 मोबाइल फोन बरामद हुए है। इन फोन की सिम अलग-अलग व्यक्तियों के नाम पर ली गई है। इसके अलावा आरोपितों के पास फाइनेंस बैंक के फर्जी लोन अप्रूव लेटर भी मिले है। आरोपितों में तुगलकाबाद में किराए पर रहने वाला निखिल कुमार सेहतपुर में रहने वाले शशिकांत और तीसरा लाजपत नगर का रहने वाला विनोद है।

सेंट्रल साइबर थाना ने फाइनेंस बैंक का अधिकारी बनकर लोगों ने ठगी करने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। तीनों आरोपित तमिल भाषा में लोगों से बात करते थे। उनको फाइनेंस बैंक की अलग-अलग स्कीम बताकर अपने खाते में ऑनलाइन भुगतान करवाते थे।

सेंट्रल थाने में नियुक्त एएसआइ धर्मेंद्र सिंह और कर्मवीर सिंह ने बताया कि वह किसी मामले में सेक्टर-91 में गए हुए थे। तभी उनको किसी व्यक्ति ने सूचना दी कि सेहतपुर सेक्टर-91 में विनित बिग बाजार के पीछे वाली गली में तीन लड़के धानी फाइनेंस बैंक का अधिकारी बनकर लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं। यह तमिल भाषा में लोगों के साथ बात कर रहे हैँ। सूचना के आधार पर धर्मेंद्र सिंह और कर्मवीर सिंह मौके पर पहुंचे।

तमिल में बात करके स्कीम बताते थे तीन लड़के

उन्होंने देखा कि मकान की पहली मंजिल पर तीन लड़के तमिल भाषा में बात करके लोगों को स्कीम बता रहे हैं। स्कीम बताने के नाम पर उनके अलग-अलग खातों में पैसा मंगवाया जा रहा है। तीनों लड़कों को मौके से गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपितों में तुगलकाबाद में किराए पर रहने वाला निखिल कुमार, सेहतपुर में रहने वाले शशिकांत और तीसरा लाजपत नगर का रहने वाला विनोद है।

30 मोबाइल फोन बरामद

पुलिस के अनुसार तीनों के पास करीबन 30 मोबाइल फोन बरामद हुए है। इन फोन की सिम अलग-अलग व्यक्तियों के नाम पर ली गई है। इसके अलावा आरोपितों के पास फाइनेंस बैंक के फर्जी लोन अप्रूव लेटर भी मिले है। पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि फाइनेंस बैंक पर जल्दी से लोन अप्रूव हो जाता है। इसमें अधिक कागजी झंझट भी नहीं होता है।

ऐसे में वह फाइनेंस बैंक का अधिकारी बनकर ही लोगों को फोन करते हैं। जिस व्यक्ति को लोन की आवश्यकता होती है। उससे वह आधार कार्ड और पेन कार्ड वाट्सएप करवा लेते हैं। इसके बाद फर्जी लोन अप्रूव लेटर तैयार करते हैं। जिसके बाद फाइल चार्ज के नाम पर अपने खाते में पैसे मंगवाते हैं।

लोन अप्रूव लेटर देखकर लोगों को पूरा भरोसा हो जाता है। वह फाइल चार्ज के नाम पर खाते में पांच से 10 हजार रुपये डाल देते हैं। अभी तक यह आरोपित कितने लोगों के साथ ठगी कर चुके हैं। पुलिस इसके बारे में पूछताछ कर रही है।