HARYANA VRITANT

Faridabad News ग्रेटर फरीदाबाद के सेक्टर-78 में रातों-रात प्लॉटों से मिट्टी चोरी की घटनाएं सामने आई हैं। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HUDA) के इस क्षेत्र में प्लॉटिंग पूरी हो चुकी है, लेकिन कुछ लोग प्लॉटों से मिट्टी निकालकर इसे विकास कार्यों में इस्तेमाल कर रहे हैं।

विकास कार्यों में हो रहा चोरी की मिट्टी का इस्तेमाल

चोरी की गई मिट्टी का उपयोग ग्रेटर फरीदाबाद में चल रहे अन्य विकास कार्यों में किया जा रहा है। नियमानुसार ठेकेदार को मिट्टी खरीदनी चाहिए थी, लेकिन इसकी बजाय प्लॉटों से खनन कर मिट्टी उठाई जा रही है।

प्लॉटधारक परेशान, शिकायत दर्ज

मिट्टी चोरी की वजह से प्लॉटधारकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने इस मामले की शिकायत हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण से की है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।

सेक्टर-77 में सीवर के पानी से बने गड्ढे

सेक्टर-77 में भी हालात खराब हैं। प्लॉटों की जगह बने गहरे गड्ढों में टैंकरों के जरिए सीवर का पानी भरा जा रहा है, जिससे जगह-जगह गंदे पानी के तालाब बन गए हैं। यह भूजल पर भी गंभीर प्रभाव डाल सकता है।

प्लॉट धारकों की हाई कोर्ट में याचिका

प्लॉटधारकों ने इस समस्या के समाधान के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। कोर्ट में अगली सुनवाई 29 जनवरी को होनी है। प्लॉट धारक आरोप लगा रहे हैं कि प्राधिकरण गड्ढों को भरवाने और समस्या का समाधान करने में लापरवाही बरत रहा है।

तीन साल बाद भी कब्जा नहीं, फिर भी ऑफर

हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने सेक्टर-77 और 78 में प्लॉट काटे थे, लेकिन तीन साल बाद भी कब्जा नहीं दिया गया। नियमानुसार, प्राधिकरण को कब्जा न देने की स्थिति में प्लॉटधारकों को उनकी जमा रकम पर 9% सालाना ब्याज देना होता है। ब्याज से बचने के लिए जल्दबाजी में कब्जा देने का ऑफर किया गया, जबकि जमीन पर गड्ढे और खेती की स्थिति बनी हुई है।

लगातार जारी है मिट्टी चोरी

आरडब्ल्यूए के प्रधान डॉ. आकाश तंवर का कहना है कि सेक्टर-78 के प्लॉट नंबर 544 से 561 तक की पाकेट से मिट्टी लगातार चोरी हो रही है। उनका आरोप है कि यह मिट्टी रात के समय उठाकर सेक्टर-80 में प्राधिकरण के चल रहे कार्य में ले जाई जा रही है।

प्राधिकरण का जवाब

हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के कनिष्ठ अभियंता आजाद सिंह ने कहा है कि अधिकांश प्लॉटों पर कब्जा दिया जा चुका है, और उनकी देखभाल अब प्लॉटधारकों की जिम्मेदारी है। फिर भी, मामले की शिकायत माइनिंग और बीपीटीपी थाने में दर्ज की जा चुकी है।