HARYANA VRITANT

फरीदाबाद विधानसभा सीट पर आगामी चुनाव के लिए कांग्रेस के समक्ष एक बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। यहां से चुनाव लड़ने के लिए पार्टी में 22 दावेदारों ने अपनी दावेदारी पेश की है, जिससे कांग्रेस आलाकमान के लिए यह तय करना मुश्किल हो रहा है कि किसे टिकट दिया जाए। वर्तमान में यह सीट भाजपा के कब्जे में है।

कांग्रेस के सामने 22 दावेदारों की चुनौती।

कांग्रेस के लिए फरीदाबाद सीट क्यों बनी ‘हॉट सीट’?

फरीदाबाद विधानसभा सीट, जिसे ‘हॉट सीट’ माना जाता है, पर पंजा निशान देकर किसे मैदान में उतारा जाए, यह कांग्रेस के लिए बड़ी उलझन का विषय बना हुआ है। 2009 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई इस सीट से पहला चुनाव कांग्रेस के आनंद कौशिक ने जीता था। लेकिन 2014 में भाजपा के विपुल गोयल और 2019 में नरेंद्र गुप्ता ने इस सीट पर कमल खिलाया।

दावेदारों की लंबी कतार

कांग्रेस इस सीट को दोबारा अपने कब्जे में लेने की कोशिश में है, लेकिन चुनौती यह है कि 22 दावेदारों में से चुनावी रण में डटने वाला मजबूत योद्धा कौन होगा।

  • लखन सिंगला: भूपेंद्र हुड्डा गुट के लखन सिंगला, जिन्होंने 2019 में यहां से चुनाव लड़ा था लेकिन हार गए थे, एक बार फिर से दावेदारी पेश कर रहे हैं। हालांकि कांग्रेस ने घोषणा की है कि दो बार चुनाव हार चुके नेताओं को टिकट नहीं देंगे, लेकिन सिंगला इस शर्त से अलग रहने की बात कर रहे हैं।
  • बलजीत कौशिक: पूर्व महासचिव बलजीत कौशिक, जो कुमारी सैलजा गुट के हैं, भी प्रमुख दावेदार हैं। उनके पक्ष में यह बात है कि उनके भाई आनंद कौशिक 2009 में यहां से चुनाव जीत चुके हैं।
  • सुमित गौड़: युवा तुर्क सुमित गौड़, जो प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता रह चुके हैं, भी मजबूत दावेदार हैं। उनके पिता वरिष्ठ कांग्रेस नेता योगेश गौड़ ने भी टिकट के लिए आवेदन किया है।

पंजाबी समुदाय की दावेदारी

इस सीट पर पंजाबी समुदाय के नेता भी अपना दावा पेश कर रहे हैं। इनमें एडवोकेट राम कुमार मल्होत्रा, राजेश आर्य, पूर्व डिप्टी मेयर बसंत विरमानी, राखी सेठी, और अन्य नेता शामिल हैं। इन नेताओं का मानना है कि कांग्रेस ने पिछले दो चुनावों में किसी पंजाबी नेता को मौका नहीं दिया, जिससे पार्टी हार गई। इसलिए, इस बार उन्हें टिकट दिया जाना चाहिए।

अन्य दावेदार

इनके अलावा मनधीर मान, रोहित सिंगला, एडवोकेट कृष्णपाल तेवतिया, महेंद्र कौशिक, और अन्य नेताओं ने भी टिकट के लिए आवेदन किया है।

कांग्रेस आलाकमान के लिए यह चुनौतीपूर्ण है कि इतने सारे दावेदारों में से किसे टिकट दिया जाए, ताकि इस बार फरीदाबाद सीट पर कांग्रेस की जीत सुनिश्चित हो सके।