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पुलिसकर्मियों पर वसूली करने और करप्शन एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है। एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम इंस्पेक्टर अनिल यदवज अपने साथ पुलिसकर्मी जागेश और एक अन्य के साथ क्राइम ब्रांच में तैनात पुलिस कर्मियों को रंगे हाथों पकड़ने गई तो ब्यूरो के ही एक पुलिसकर्मी जागेश ने क्राइम ब्रांच की टीम को गुप्त सूचना दे दी जिसके कारण रेड फेल हो गई।

सांकेतिक तस्वीर

क्राइम ब्रांच बड़खल के पुलिसकर्मियों पर वसूली करने और करप्शन एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है। पुलिस महानिदेशक शत्रु जीत सिंह कपूर के आदेश पर दर्ज हुआ मुकदमा।

इस मामले की जांच दो साल से चल रही थी। साल 2021 में हाईवे किनारे मेगपाई के सामने गाड़ी ठीक करने वाले मैकेनिक को क्राइम ब्रांच एनआईटी ने उठाया था। आरोप था कि मैकेनिक अवैध रूप से कारोबार करता है। मेकैनिक दिव्यांग है।

दस माह में वसूल चुके थे 34 लाख रुपये 

इसके बाद  मैकेनिक पर मुकदमा दर्ज करने के नाम पर उसे लगातार वसूली करते रहे। पुलिसकर्मी उससे दस माह में 34 लाख रुपये वसूल चुके थे। और भी पैसों की मांग की जा रही थी। परेशान होकर मैकेनिक ने इस मामले की सूचना एंटी करप्शन ब्यूरो को दे दी।

एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम इंस्पेक्टर अनिल यदवज अपने साथ पुलिसकर्मी जागेश और एक अन्य के साथ क्राइम ब्रांच में तैनात पुलिस कर्मियों को रंगे हाथों पकड़ने गई तो ब्यूरो के ही एक पुलिसकर्मी जागेश ने क्राइम ब्रांच की टीम को गुप्त सूचना दे दी जिसके कारण रेड फेल हो गई।

क्राइम ब्रांच में जागेश का भाई सुमित तैनात था वह पकड़ा न जाए इसलिए जागेश ने सूचना दे दी। उस समय क्राइम ब्रांच में नरेंद्र शर्मा प्रभारी थे। पुलिस महानिदेशक शत्रु की सिंह कपूर तक पहुंची तभी से मामले की जांच की जा रही थी।

अब क्राइम ब्रांच में तैनात पुलिसकर्मी रोहतास सहित अन्य के खिलाफ वसूली करने और करप्शन एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हो गया है। जल्द पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी हो सकती है और अन्य नाम के बारे में भी पता लग सकता है।