जिले में अवैध रूप से चल रहे आरएमसी (रेडी मिक्स कंक्रीट) प्लांटों को सील किया जाएगा। प्रदेश के उद्योग एवं वाणिज्य, पर्यावरण एवं वन मंत्री राव नरबीर सिंह ने यह आदेश दिए हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को प्लांट का निरीक्षण कर इसी सप्ताह रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं।

बैठक में कुल 16 शिकायतें रखी गईं
मंत्री सोमवार को सेक्टर-12 स्थित हुडा कन्वेंशन सभागार में जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की मासिक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में कुल 16 शिकायतें रखी गईं। नौ मामलों का मौके पर ही समाधान कर दिया गया। शेष सात मामलों के लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई कर शीघ्र समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
बैठक में मंत्री ने एक नवजात बच्ची के इलाज में लापरवाही बरतने के मामले में एक निजी अस्पताल के खिलाफ मिली शिकायत के संबंध में पीजीआई रोहतक की कमेटी से जांच के आदेश दिए। शिकायतकर्ता ईश्वर सिंह ने जिला स्तरीय अधिकारियों पर अविश्वास जताया।
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उन्होंने कहा कि उनके मामले की जांच पीजीआई रोहतक के डॉक्टरों से करवाई जाए। उन्होंने सेक्टर-23 में पानी की उपलब्धता के मुद्दे का भी अधिकारियों को जल्द समाधान करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पेयजल संकट किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।लोगों के लिए पीने के पानी का स्थाई समाधान करें, पानी के टैंकर नहीं। इसमें उन्होंने नगर निगम और एफएमडीए को मिलकर काम करने के निर्देश दिए। ट्यूबवेल ऑपरेटर से जुड़े मामले में उन्होंने जांच शुरू कर त्वरित कार्रवाई के आदेश दिए।
हाईटेंशन टावर हटेगा
सेक्टर-25 में सर्विस रोड निर्माण से जुड़े एक मामले में अधिकारियों को 30 मई तक काम पूरा करने के आदेश दिए गए। इसी तरह सेक्टर 75-76 से जुड़े एक मामले में सड़क के बीचोंबीच हाईटेंशन टावर खड़े होने की शिकायत पर सर्वे रिपोर्ट के साथ तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए। इस दौरान लोगों की आवाजाही को सुचारू बनाने के लिए सर्विस रोड की मरम्मत करने के आदेश दिए गए।
ड्रेन की सफाई की जाए
उन्होंने आदेश दिए कि बरसात से पहले शहर में जलभराव की समस्या से निपटने के लिए सभी नालों की सफाई व गंदगी हटाने का कार्य समय पर पूरा किया जाए। दयालपुर गांव से संबंधित एक मामले में सड़क चौड़ीकरण से संबंधित शिकायत में मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए उन्होंने निर्देश दिए कि यदि लोगों के मकान रास्ते में आते हैं तो उन्हें न तोड़ा जाए तथा वैकल्पिक मार्ग बनाकर कार्य किया जाए।उन्होंने बैठक में अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जन शिकायतों के समाधान में पारदर्शिता व संवेदनशीलता बहुत जरूरी है। उन्होंने बैठक में यह भी स्पष्ट किया कि शिकायतों से संबंधित फाइलों पर बार-बार आपत्तियां लगाने की बजाय शिकायतकर्ता को एक बार में ही नियमों की स्पष्ट जानकारी दी जाए।