Haryana Vritant
सामाजिक कार्यकर्ता शवेता ढुल का कहना है कि एचपीएससी का यह तरीका गलत है। पीजीटी के लिए आवेदन करने वाली सभी अभ्यर्थी एचटेट पास हैं। इसके बाद दोबारा से उनका स्क्रीनिंग टेस्ट लेना गलत है।

हरियाणा में पीजीटी के 4476 पदों पर होने वाली भर्ती विवादों में घिर गई है। 2019 में निकली इस भर्ती में पहले सिलेबस आब्जेक्टिव था, लेकिन अब एचपीएससी ने इसे सबजेक्टिव कर दिया है। अभ्यर्थी लगातार इसका विरोध कर रहे हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि उन्होंने पिछले तीन साल से वह आब्जेक्टिव फार्मूले के तहत तैयारी कर रही है, अब अचानक से क्राइटेरिया बदलना सही नहीं हैं। पीजीटी की भर्ती पिछले साल से अटकी हुई है। बार बार भर्ती को लेकर नियम बदलने से अभ्यर्थी भी मानसिक तनाव के दौर से गुजर रहे हैं।

कई बार बदली शर्तें और क्राइटेरिया

सबसे पहले 2019 में पीजीटी के पदों को विज्ञापित किया गया, लेकिन भर्ती नहीं हो सकी। वर्ष 2021 में इन्हीं पदों को दोबारा विज्ञापित किया गया। मामला यहीं पर नहीं रुका पहले यह भर्ती हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को करनी थी, लेकिन बाद में इसे हरियाणा लोक सेवा आयोग के हवाले कर दिया। दिसंबर 2022 में एचपीएससी ने नया क्राइटेरिया बनाया और 50 प्रतिशत अंक लाने जरूरी और नेगेटिव मार्किंग को शामिल करते हुए तीसरी बार इन पदों को विज्ञापित किया। मार्च, 2023 में पदों को वापस लिया और 20 मार्च 2023 नया क्राइटेरिया तय कर दिया कि सबजेक्टिव सवाल पूछे जाएंगे। 29 मार्च को फिर इसमें संशोधन किया। अब तैयारी ये है कि पीजीटी का पेपर एचसीएस की तर्ज पर कराया जाएगा।


ये तरीका गलत है, हाईकोर्ट जाएंगे : शवेता ढुल

सामाजिक कार्यकर्ता शवेता ढुल का कहना है कि एचपीएससी का यह तरीका गलत है। पीजीटी के लिए आवेदन करने वाली सभी अभ्यर्थी एचटेट पास हैं। इसके बाद दोबारा से उनका स्क्रीनिंग टेस्ट लेना गलत है। दूसरी बात तीन साल से अभ्यर्थी आब्जेक्टिव की तैयारी कर रहे थे, अब अचानक से इसे बदल कर सबजेक्टिव कर दिया गया। इस मामले में अभ्यर्थी परेशान हैं और अचानक क्राइटेरिया बदलने के मामले में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना होगा।

By Anita

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