कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश सरकार के मुखिया और उनके अधिकारी बेलगाम होते जा रहे हैं जिन्हें जनता के हितों से कोई लेना देना नहीं है. जनता परेशान है पर कोई सुनने वाला नहीं है. जनसमस्याएं सुनने और उनके समाधान को लेकर मुख्यमंत्री का जनसंवाद कार्यक्रम चला हुआ है पर इसमें संवाद के बजाए जन अपमान ज्यादा किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि देश में किसी राज्य का सीएम अपने प्रदेश के लोगों को चांद की सैर करवाना चाहता है.
जनसंवाद कार्यक्रम में सीएम कुछ न कुछ नया करके आते हैं, हर कार्यक्रम में भीड़ बढ़ रही है क्योंकि लोगों के छोटे मोटे काम नहीं हो रहे है, अधिकारी कोई सुनवाई नहीं कर रहे है ऐसे में जनता सीएम के पास जाती है, जो सुनवाई करने के बजाए जनता को अपमानित कर रहे हैं.
सरकार के रवैए को लेकर जनता दु:खी है उनके मन में पीड़ा है, विधायक तक काम को लेकर परेशान है।
- जब जनता परेशान होती है और उसकी कोई नहीं सुनता तो उसके पास लोकतंत्र की सबसे बड़ी शक्ति वोट होती है जिसका प्रयोग कर वह घमंडियों का तख्ता पलट कर देती है, जनता को आने वाले चुनाव को इंतजार है, इस बार भाजपा-गठबंधन सरकार को सत्ता से बाहर करके जनता अपने अपमान का बदला जरूर लेगी.