फतेहाबाद के सिरसा रोड स्थित केंद्रीय सहकारी बैंक में बुधवार सुबह मुख्यमंत्री उडऩदस्ता की टीम ने छापेमार कार्रवाई को अंजाम दिया। टीम ने दबिश देते ही बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों की हाजिरी रिकॉर्ड जांचा। रिकॉर्ड के अनुसार अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित मिले। टीम ने जब बैंक द्वारा लेनदेन का रिकॉर्ड जांचा तो एक बड़ा गड़बड़झाला सामने आया। बैंक के तत्कालीन महाप्रबंधक ने ट्रांसफर आदेश के दो दिन के अंदर ही सीसीटीवी और अग्निशमन यंत्रों का टेंडर लगाकर एजेंसी को 25 लाख का भुगतान भी कर दिया और इसके बाद रिलीव हो गया।

मामले के मुताबिक मुख्यमंत्री उडऩदस्ता को टेंडर को लेकर गड़बड़ी की सूचना मिली थी। सूचना के आधार पर मुख्यमंत्री उडऩदस्ता के एसआई कुलदीप सिंह, सुरेंद्र सिंह, डयूटी मजिस्टेट राकेश कुमार ने बैंक में दबिश दी। दबिश के दौरान बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। टीम ने जब रिकॉर्ड जांचा तो उसमें सामने आया कि केंद्रीय सहकारी बैंक की शाखाओं में सीसीटीवी और अग्निशमन यंत्र लगाए जाने थे।

  • इस दौरान 8 मई को बैंक महाप्रबंधक दीपक मोर के तबादला आदेश जारी हो गए। बताया जा रहा है कि तबादला आदेश जारी होने के दिन ही सीसीटीवी और अग्निशमन यंत्रों को लेकर 36 लाख रुपये का टेंडर जारी कर दिया गया।
  • इसके बाद 10 मई को हिसार की एक एजेंसी को 25 लाख रुपये का भुगतान भी कर दिया गया जबकि बैंक स्टोर में सीसीटीवी और अग्निशमन यंत्र पहुंचे ही नहीं है। फिलहाल मुख्यमंत्री उडऩदस्ता की टीम फाइलों की जांच करने में जुटी हुई है।

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