हरियाणा के जींद में आयोजित हुई “मेरी आवाज सुनो” कार्यक्रम में रैली के साथ ही चौधरी बीरेंद्र सिंह के परिवार की तीसरी पीढ़ी भी राजनीति में उतर गई है. दरअसल, रैली को सफल बनाने के लिए हिसार सांसद बृजेंद्र सिंह के बेटे समरवीर अपने पिता और दादा के साथ नजर आए. यहीं नही बल्कि रैली के प्रचार के लिए 2 दिनों तक अलग-अलग इलाकों में निकाली गई बाइक रैली में समरवीर सिंह भी मौजूद रहे.
- दूसरी तरफ, रैली में उमड़ी भीड़ को देख समरवीर गदगद हो गये. हालाँकि, उनका लक्ष्य पहले बीए पूरी कर कानून की पढ़ाई करना है लेकिन वह समय- समय पर राजनीति में अपने पिता और दादा का नैतिक मनोबल बढ़ाने में सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं. करीबन 19 वर्षीय समरवीर सिंह सांसद बृजेंद्र सिंह के 2 बच्चों में छोटे हैं, जबकि उनकी एक बड़ी बहन कुदरत है. वैसे, इन दिनों समरवीर दिल्ली में बीए प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रहे हैं.
- बीरेंद्र सिंह की “मेरी आवाज सुनो” रैली को लेकर अनुमान लगाया जा रहा था कि यह पूरी तरह से राजनीतिक होगी. इसमें कुछ नेताओं के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष भाषणों के जरिए राजनीतिक बयानबाजी भी देखने को मिली. इस रैली का पूरा फोकस किसान, गरीब वर्ग, युवा और महिलाओं पर था. चौधरी बीरेंद्र सिंह ने अपने भाषण में उन बिंदुओं को छुआ जो समाज के आम लोगों से जुड़े थे.
बीजेपी के पाले में डाली गेंद बड़े राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना था कि बीरेंद्र सिंह बीजेपी छोड़ देंगे, लेकिन बीरेंद्र सिंह के स्पष्ट बयान ने बीजेपी के पाले में गेंद डाल दी है. बीरेंद्र सिंह ने कहा कि अगर बीजेपी का जेजेपी के साथ गठबंधन होता है तो बीरेंद्र सिंह पार्टी में नहीं रहेंगे. अब अगर बीजेपी गठबंधन तोड़ती है तो बीरेंद्र सिंह पार्टी के साथ बने रह सकते हैं.